7 सीटों पर सिंगल नाम, गठबंधन पर असमंजस

लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने करीब तीन घंटे मंथन किया। इसमें से 7 सीटों के लिए सिंगल और 8 सीटों के लिए दो या तीन नामों का पैनल तैयार किया। इन नामों को केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को भेजा जा रहा है। संभावना है कि गुरुवार को सीईसी की बैठक में इन पर निर्णय हो सकता है। इसके अलावा कांग्रेस की तीन सीटों पर गठबंधन की बातचीत चल रही है। गठबंधन पर असमंजस के चलते करीब 8 सीटों पर स्क्रीनिंग कमेटी ने चर्चा नहीं की।

भाजपा के उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेस अब अपनी तैयारी में जुटी हुई है। दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें सभी 25 सीटों पर चर्चा हुई। इसमें से 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए पैनल बनाया गया। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि झालावाड़ बारां से प्रमोद भाया, कोटा से अशोक चांदना, भीलवाड़ा से धीरज गुर्जर, बीकानेर से गोविंद राम मेघवाल, दौसा से मुरारीलाल मीणा, बाड़मेर से हेमाराम चौधरी या हरीश चौधरी, जालोर सिरोही से वैभव गहलोत और झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला के नाम को सीईसी को भेजा जा रहा है। इनके अलावा 8 अन्य सीटें ऐसे हैं, जिन पर सिंगल नाम पर सहमति नहीं बन सकी। उधर, जयपुर शहर और ग्रामीण सीट को होल्ड किया गया है।

गठबंधन का फैसला कमेटी करेगी

राजस्थान में तीन सीटों को कांग्रेस अपने नए सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है। सूत्रों ने बताया कि लेफ्ट से गठबंधन लगभग तय हो चुका है। लेफ्ट के लिए कांग्रेस चुरू, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ व सीकर में कोई एक सीट छोडऩे को तैयार है। वहीं आरएलपी से भी बातचीत चल रही है। जहां आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल बाड़मेर व नागौर सीट मांग रहे हैं, वहीं कांग्रेस नागौर सीट दे सकती है। हालांकि कांग्रेस नेता हरीश चौधरी का आरएलपी से गठबंधन करने का विरोध है। वे पार्टी के सामने इसे दर्ज भी करा चुके हैं। इसके अलावा भारत आदिवासी पार्टी से भी बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट के लिए बातचीत चल रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि गठबंधन पर फैसला इसके लिए बनाई गई कमेटी करेगी।

मुस्लिम नेताओं ने नहीं की दावेदारी

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में इस बार किसी भी मुस्लिम नेता ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी नहीं की है। ऐसे में इस बार पार्टी की ओर से चुनाव में कोई मुस्लिम उम्मीदवार के उतरने की संभावना बेहद कम दिख रही है।