दुनिया में ‘विश्व मित्र’ के रूप में स्थापित हुआ भारत : मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर में संक्रमण काल में मजबूत शासन व्यवस्था के साथ सरकार ने विदेश नीति काे अतीत की बंदिशों से कहीं आगे लाकर भारत को ‘विश्व मित्र’ के रूप में स्थापित किया और वैश्विक दक्षिण के विकासशील देशों की आवाज़ बुलंद की।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के शुरू होने पर यहां नये संसद भवन में लोकसभा के सदन में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण काल में एक मजबूत सरकार होने का क्या मतलब होता है, ये हमने देखा है। बीते तीन वर्षों से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में दरारें पड़ गयी हैं। इस कठिन दौर में, मेरी सरकार ने, भारत को विश्व-मित्र के रूप में स्थापित किया है। विश्व-मित्र की भूमिका के कारण ही आज हम ग्लोबल साउथ की आवाज़ बन पाये हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘बीते 10 वर्षों में एक और पुरानी सोच को बदला गया है। पहले कूटनीति से जुड़े कार्यक्रमों को दिल्ली के गलियारों तक ही सीमित रखा जाता था। मेरी सरकार ने इसमें भी जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण भारत द्वारा जी-20 अध्यक्षता के दौरान देखा गया। भारत ने जी-20 को जिस प्रकार जनता से जोड़ा वैसा पहले कभी नहीं हुआ। देशभर में हुये कार्यक्रमों के जरिये भारत के वास्तविक सामर्थ्य से दुनिया का परिचय हुआ। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में पहली बार इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हुये हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने भारत में हुए ऐतिहासिक जी-20 सम्मेलन की प्रशंसा की। ऐसे बंटे हुये माहौल में भी एकमत से दिल्ली घोषणापत्र जारी होना ऐतिहासिक है। ‘महिला नीत विकास’ से लेकर पर्यावरण के मुद्दों तक भारत का विजन, दिल्ली घोषणापत्र की नींव बना है। हमारे प्रयासों से जी-20 में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता को भी सराहा गया है।”

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईमेक) के निर्माण की घोषणा हुयी। यह कॉरिडोर, भारत के सामुद्रिक सामर्थ्य को और सशक्त करेगा। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा होना भी बहुत बड़ी घटना है। इस प्रकार के कदम वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारत की भूमिका का विस्तार कर रहे हैं।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरकार ने वैश्विक विवादों और संघर्षों के इस दौर में भी भारत के हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखा है। भारत की विदेश नीति का दायरा आज अतीत की बंदिशों से कहीं आगे बढ़ चुका है। आज भारत अनेक वैश्विक संगठनों का सम्मानित सदस्य है। आज आतंकवाद के खिलाफ भारत दुनिया की एक प्रमुख आवाज है। भारत आज संकट में फंसी मानवता की मदद के लिये मजबूती से पहल करता है। दुनिया में कहीं भी संकट आने पर भारत वहां तेज़ी से पहुंचने का प्रयास करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने दुनिया भर में काम कर रहे भारतीयों में नया भरोसा जगाया है। ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन कावेरी और वंदे भारत जैसे अभियान चलाकर जहां-जहां संकट आया, वहां से हर भारतीय को हम तेजी से सुरक्षित वापस लेकर आये हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने योग, प्राणायाम और आयुर्वेद की भारतीय परंपराओं को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिये निरंतर प्रयास किये हैं। पिछले वर्ष, संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में 135 देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ योग किया। यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। मेरी सरकार ने आयुष पद्धतियों के विकास के लिये एक नया मंत्रालय बनाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का पहला पारंपरिक औषधियों के लिये वैश्विक केन्द्र भी भारत में बन रहा है।”