रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा भारतीय सभ्यता के कालखंड का अहम पड़ाव: मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को भारतीय सभ्यता के कालखंड में सदियों का भविष्य तय करने वाला पड़ाव करार दिया है और कहा है कि सरकार देश के तीर्थों एवं ऐतिहासिक धरोहरों के विकास के साथ तीर्थाटन एवं पर्यटन को बढ़ावा दे रही है जिससे बड़ी संख्या में राेज़गार भी बढ़ेंगे।

श्रीमती मुर्मु ने संसद के बजट सत्र के शुरू होने पर बुधवार को यहां नये संसद भवन में लोकसभा के सदन में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुये राम मंदिर का भी उल्लेख किया और कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्था के इस प्रश्न का उत्तर देश ने पूरे सद्भाव के साथ खोजा है।

श्रीमती मुर्मू ने कहा, ‘‘सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आयें हैं। इस वर्ष, 22 जनवरी को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है। सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गये हैं। यह करोड़ों देशवासियों की इच्छा और आस्था का प्रश्न था, जिसका उत्तर देश ने पूरे सद्भाव के साथ खोजा है।”

उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने देश भर में तीर्थों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर बल दिया है। इससे अब भारत में तीर्थ यात्रा आसान हुई है। वहीं दुनिया भी, भारत में धरोहर पर्यटन को लेकर आकर्षित हो रही है। बीते एक वर्ष में साढ़े आठ करोड़ लोग काशी गये हैं। पांच करोड़ से अधिक लोगों ने (उज्जैन स्थित) महाकाल के दर्शन किये हैं। उन्नीस लाख से अधिक लोगों ने केदार धाम की यात्रा की है। अयोध्या धाम में ही श्री राम की प्राण- प्रतिष्ठा के बाद पांच दिनों में ही 13 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, भारत के हर हिस्से में तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र, युवाओं के लिये रोज़गार देने वाला एक बड़ा सेक्टर है। सरकार ने बीते 10 वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। भारत में घरेलू पर्यटकों की संख्या के साथ ही, भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। पर्यटन के क्षेत्र में जो वृद्धि हो रही है, इसका कारण भारत की बढ़ती साख है। आज दुनिया भारत को देखना और जानना चाहती है। इसके अलावा, शानदार कनेक्टिविटी विकसित होने के कारण भी पर्यटन का दायरा बढ़ा है।

जगह-जगह हवाईअड्डे बनने से भी बहुत फायदा हो रहा है। पूर्वोत्तर में आज रिकॉर्ड संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को लेकर उत्साह चरम पर है। सरकार भारत को मीटिंग और प्रदर्शनी से जुड़े सेक्टर में भी अग्रणी बनाना चाहती है। इसके लिये भारत मंडपम और यशोभूमि जैसी बुनियादी सुविधायें बनायी जा रही हैं। आने वाले समय में पर्यटन, रोजगार का एक बहुत बड़ा माध्यम बनेगा।