इस एक पत्ते के इस्तेमाल से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करे

आजकल गलत खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण हमारे शरीर में कुछ अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं।जो प्यूरीन नामक रसायन के टूटने से बनता है। आम तौर पर, गुर्दे इसे फ़िल्टर करते हैं और मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देते हैं। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती तो यह जोड़ों में जमा होने लगता है।हमारे शरीर में यूरिक एसिड जमा होने के कारण हमारे जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगती है।

जिसके कारण गठिया और किडनी में पथरी जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं।यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए हमें अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा।यूरिक एसिड से पीड़ित लोगों के लिए कुछ जड़ी-बूटियाँ बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इन जड़ी-बूटियों में पुदीना भी शामिल है। जी हां, पुदीने के सेवन से यूरिक एसिड के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलती है।तो आइए, जानते हैं कि पुदीना का सेवन कैसे करें?

1.यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए रोजाना खाली पेट 8 से 10 पुदीने की पत्तियां चबाएं।इन्हें नियमित रूप से खाली पेट खाने से हाई यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

2.शरीर में बढ़ते यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप इसकी चाय बनाकर सेवन कर सकते हैं। इसका काढ़ा पीने से यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

3.आप पुदीने की चटनी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं.पुदीने के सेवन से यूरिक एसिड के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

पुदीने के पत्तों में डिटॉक्सिफाइंग और मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं।यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालता है। साथ ही, यह मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाकर प्यूरीन के पाचन में मदद करता है। इसके अलावा इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो गठिया के कारण होने वाली सूजन को रोकने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह पाचन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है।