विश्व-भारती के पूर्व कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती से पुलिस ने बुधवार को दो मामलों में पूछताछ की, जिनमें एक मामला संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के उपलक्ष्य में दो पट्टिका लगाए जाने से संबंधित है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शांतिनिकेतन की थाना प्रभारी कस्तूरी मुखर्जी के नेतृत्व में तीन पुलिसकर्मियों की टीम ने बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित चक्रवर्ती के आवास पर गये और उनसे पूछताछ शुरू की।उन्होंने बताया कि जिस अन्य मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है वह उनकी कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों से संबंधित है जिसे उन्होंने कथित तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ किया था।’’चक्रवर्ती के खिलाफ कुल पांच मामले दर्ज हैं। उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है और इस महीने की शुरुआत में खत्म हुआ।अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को उनसे तीन मामलों में पूछताछ हुई। दो
मामले देवी दुर्गा और बंगाली समुदाय के बारे में उनकी टिप्पणियों से संबंधित थे जबकि एक मामला परिसर के आसपास एक ई-रिक्शा स्टैंड के स्थानांतरण से संबंधित है।एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पूछताछ की समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जा रही है जिसे अदालत में पेश किया जाएगा।’’इससे पूर्व चक्रवर्ती ने इन मामलों की राहत का अनुरोध करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने पुलिस को उनके आवास पर उनसे पूछताछ करने और कोई सख्त कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया।
शांतिनिकेतन में टैगोर ने 100 साल से अधिक समय पहले विश्व-भारती का निर्माण किया था। यूनेस्को ने सितंबर में इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है।विश्वविद्यालय ने इसकी याद में तीन पट्टिकाएं स्थापित कीं लेकिन पट्टिकाओं पर टैगोर का नाम नहीं था बल्कि इसके बजाय उस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तत्कालीन कुलपति चक्रवर्ती का नाम लिखा है। प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं।
इस घटना से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कई जानी मानी शख्सियतों ने इसके लिए चक्रवर्ती की निंदा की।बाद में शांतिनिकेतन ट्रस्ट ने राज्य के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि चक्रवर्ती ने उसके स्वामित्व वाले विश्वविद्यालय परिसर में इन पट्टिकाओं में से एक को स्थापित करने से पहले उससे अनुमति नहीं ली थी।