यादवपुर विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों ने रैगिंग के आरोपियों पर कार्रवाई में देरी को लेकर चिंता जताई

पश्चिम बंगाल के यादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग और उसके बाद छात्रावास की बालकनी से गिरकर एक स्नातक छात्र की मौत के लगभग तीन महीने बाद भी संस्थान की ओर दोषियों के खिलाफ ‘‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’’ नहीं किये जाने को लेकर संकाय सदस्यों के एक निकाय ने चिंता व्यक्त की है।

यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव को लिखे पत्र में कहा कि दोषियों पर ‘‘कार्रवाई में अत्यधिक देरी’’ से परिसर में रैगिंग को रोकने के प्रशासन के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

रैगिंग के कारण नौ अगस्त को छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिर गया था और अगले दिन एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।संघ के पत्र में बुधवार को कहा गया है, ‘‘हमने गौर किया है कि रैगिंग-रोधी समिति और रैगिंग-रोधी दस्ते की कई बैठकों के बावजूद प्रथम वर्ष के छात्र की मौत के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।’’

इस पत्र में कहा गया, ‘‘कार्रवाई में अत्यधिक देरी के कारण विश्वविद्यालय में रैगिंग को रोकने को लेकर प्रशासन के दावों पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं। इस संदर्भ में, हम दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।’’विश्वविद्यालय के रैगिंग-रोधी दस्ते ने दो महीने पहले संस्थान को सौंपी अपनी रिपोर्ट में छात्रावास में रहने वाले 35 वरिष्ठ छात्रों को निष्कासित करने का सुझाव दिया था।