ट्रूडो के आरोपों के बारे में जानकारी नहीं थी : कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के प्रमुख ने कहा

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के प्रीमियर का कहना है कि भारत के खिलाफ प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी और इनके सार्वजनिक होने से महज एक घंटे पहले ही उन्हें इन आरोपों के बारे में पता चला।ब्रिटिश कोलंबिया में ही खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी।

इस प्रांत के प्रमुख डेविड एबी की टिप्पणियां तब आईं जब उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री ट्रूडो से मुलाकात की। उसी दिन कुछ खालिस्तान समर्थकों ने वैंकूवर, ओटावा और टोरंटो में भारतीय मिशनों के बाहर प्रदर्शन भी किया था।एबी ने ‘सीटीवी न्यूज’ को बताया कि उन्हें भारत के खिलाफ प्रधानमंत्री के इस आरोप के बारे में, उसके सार्वजनिक होने से करीब एक घंटे पहले ही पता चला कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है।

45 वर्षीय निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में सरे स्थित एक गुरद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं।

एबी ने कहा कि वह चाहते हैं कि संघीय सरकार प्रांतों के साथ सुरक्षा संबंधी खुफिया जानकारी साझा करे।’सीटीवी न्यूज’ ने सोमवार को एबी के हवाले से कहा, ”प्रांतों को प्रारंभिक चरण में ही जानकारी दी जाए, यह बेहद जरूरी है।”उन्होंने कहा ”कानून के अनुसार, सीएसआईएस (कनाडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेन्स सर्विस) अपनी खुफिया जानकारी केवल संघीय सरकार के साथ ही साझा करती है। इसका मतलब है कि जब उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने क्या किया है, तो वह सब पब्लिक डोमेन में पहले से ही था। यह मददगार नहीं है। मैं तो यह अखबारों में भी पढ़ सकता हूं।”

ट्रूडो के आरोपों के बाद एबी ने कहा कि वह इस जानकारी से बेहद परेशान और नाराज हैं। ट्रूडो ने सोमवार को एबी से मुलाकात की थी।ट्रूडो के कार्यालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि सभी सरकारें कनाडा के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर और लगातार काम कैसे कर सकती हैं। उनकी बातचीत के विषयों में जन सुरक्षा तथा अन्य मुद्दे शामिल थे।

शुक्रवार को ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा ने निज्जर की हत्या पर सबूत ”कई सप्ताह पहले” भारत के साथ साझा किए थे। उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि नई दिल्ली इस ”अत्यंत गंभीर मामले” में तथ्यों को स्थापित करने के लिए ओटावा के साथ रचनात्मक रूप से प्रतिबद्ध हो।

कनाडा द्वारा इस मामले में भारत के साथ कोई जानकारी साझा करने के बारे में पूछे जाने पर, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा ”कनाडा द्वारा इस मामले में तब या उससे पहले या बाद में कोई विशेष जानकारी साझा नहीं की गई है। आप जानते हैं, जैसा कि हमने कहा है, या मुझे लगता है कि हमने बहुत स्पष्ट कर दिया है, हम किसी भी विशिष्ट जानकारी को देखने के इच्छुक हैं।”

कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कनाडाई लोगों के लिए वीजा सेवाओं के निलंबन सहित भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर रविवार को चिंता व्यक्त की और नई दिल्ली से सच्चाई को उजागर करने के लिए निज्जर की हत्या मामले की जांच में पूरा सहयोग करने और इसे उपयुक्त तरीके से सुलझाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई निज्जर की हत्या में भारतीय जासूसों की ‘संभावित’ संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया।भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ करार देते हुए इन्हें खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था।