युवाओं और जूनियर खिलाड़ियों को खेल कोटा से नौकरी अच्छा विचार नहीं: तेजस्विन

भारत के ऊंची कूद के शीर्ष खिलाड़ी तेजस्विन शंकर ने खेलो इंडिया के पदक विजेताओं को सरकारी नौकरियों के लिए पात्र बनाने के खेल मंत्रालय के फैसले पर सवाल उठाया है और कहा है कि इससे खिलाड़ी ‘अनुचित तरीके’ अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं क्योंकि यह नीति लगातार अच्छे प्रदर्शन की जगह एकल उपलब्धि को पुरस्कृत करती है।

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को घोषणा की कि खेलो इंडिया खेलों- युवा, विश्वविद्यालय, पैरा और शीतकालीन खेल- के पदक विजेता संशोधित मानदंडों के अनुसार सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे।राष्ट्रमंडल खेल 2022 में ऊंची कूद में कांस्य और पिछले साल हांगझोउ एशियाई खेलों में डेकाथलन में रजत पदक जीतने वाले तेजस्विन इस फैसले से खुश नहीं थे लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उनके विचारों को ‘अलोकप्रिय राय’ माना जा सकता है।

तेजस्विन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”अगर हम एक खेल महाशक्ति बनना चाहते हैं तो हम युवाओं/जूनियर खिलाड़ियों को खेल कोटा के तहत नौकरियां देने को सामान्य नहीं बना सकते। एक मानदंड होना चाहिए, जैसे राष्ट्रीय स्तर पर तीन साल तक लगातार पदक जीतना या राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष आठ में पांच साल रहना आदि।”

इस राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने कहा, ”…जब सरकारी नौकरी की बात हो तो अनुचित साधनों का सहारा लेने के लिए प्रोत्साहन वास्तव में बहुत अधिक है और आपको राष्ट्रीय स्तर पर आयु समूह स्तर पर एक बार पदक जीतना है। हमें प्रदर्शन में निरंतरता को पुरस्कृत करने की आवश्यकता है।”

हालाकि उन्होंने उम्मीदवारों द्वारा अपनाए जाने वाले अनुचित साधनों की सटीक प्रकृति के बारे में कुछ नहीं कहा।सरकार ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को निखारना और खेल को एक आकर्षक तथा व्यावहारिक करियर विकल्प में बदलना है।तेजस्विन ने कहा कि खेलो इंडिया एक ‘शानदार’ पहल है लेकिन नौकरी के अवसर देना उसके लक्ष्य के अनुरूप नहीं है।

उन्होंने कहा, ”खेलो इंडिया जागरूकता बढ़ाने, प्रतिभा की खोज करने, रुचि विकसित करने, खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने आदि का एक शानदार अवसर है, यानी सच्चा जमीनी स्तर का विकास जो एक स्वागत योग्य कदम है। नौकरियां इसमें फिट नहीं होती…।”तेजस्विन ने कहा, ”असली गुंजाइश राष्ट्रीय स्कूल, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों, खेलो इंडिया, जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप, सीबीएसई राष्ट्रीय चैंपियनशिप, केवीएस राष्ट्रीय चैंपियनशिप, अंडर 14-16 राज्य स्तर आदि का आयोजन करने वाली संस्थाओं के बीच तालमेल बैठाने में है… इससे प्रत्येक प्रदर्शन को उचित रूप से पहचानकर प्रतिभा को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।”

पिछले महीने खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक प्रकोष्ठ (एमओसी) ने पेरिस ओलंपिक की ऊंची कूद स्पर्धा में क्वालीफाई करने के इरादे से महत्वपूर्ण अंक हासिल करने के लिए यूरोप में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए वित्तीय सहायता के शंकर के अनुरोध को मंजूरी दे दी थी।एक व्यक्ति को जवाब देते हुए तेजस्विन ने कहा, ”दुनिया भर में एक प्रतिशत से भी कम लोगों के पास वास्तव में पेशेवर खिलाड़ियों के रूप में करियर है और वे खेल से जीवनयापन करने के लिए पर्याप्त कमाई करते हैं।”