भारत, बांग्लादेश के बीच महानिदेशक स्तर की सीमा वार्ता अगले महीने ढाका में होगी

भारत और बांग्लादेश के बीच द्वि-वार्षिक महानिदेशक-स्तरीय सीमा वार्ता अगले माह ढाका में आयोजित होगी, जिसमें सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाने और उनके सुरक्षा बलों तथा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पांच से नौ मार्च तक होने वाली बैठक के लिए बांग्लादेश की यात्रा पर जाएगा।बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच यह 54वीं बैठक होगी जो ढाका के पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय में आयोजित की जाएगी।बीजीबी महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में गृह और विदेश मंत्रालय तथा दोनों देशों के स्वापक नियंत्रण और अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उम्मीद है कि बैठक में दोनों पक्ष बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा बीएसएफ जवानों तथा नागरिकों पर किये जा रहे हमलों को रोकने के लिए कदम उठाने, इस मोर्चे पर संयुक्त रूप से सामान और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी जैसे अपराधों की जांच करने, समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) में सुधार करने और सीमा बाड़ के पास अवैध निर्माण गतिविधियों की जांच करने जैसे कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

बीएसएफ पर देश के पूर्वी हिस्से में बांग्लादेश से लगती 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है।महानिदेशक स्तर की सीमा वार्ता 1975 और 1992 के बीच प्रतिवर्ष आयोजित की जाती थी, लेकिन 1993 में इसे द्वि-वार्षिक कर दिया गया। यह बैठक बारी-बारी से नई दिल्ली और ढाका में आयोजित की जाती है।

आखिरी वार्ता जून 2023 में दिल्ली में हुई थी।

अधिकारी ने कहा कि दोनों देश और सेनाओं के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं और इस बैठक का उद्देश्य इन संबंधों को और मजबूत करना है।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में सीमा पर बीएसएफ द्वारा 3,342 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया, जो पिछले छह वर्षों में सबसे अधिक संख्या है।आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले साल बांग्लादेशी और भारतीय उपद्रवियों के हमलों में कुल 77 बीएसएफ जवान घायल हुए थे, जबकि इस तरह की घटनाएं 2021 में 64 और 2022 में 43 हुईं।