आचार संहिता के पूर्व की मंत्रिपरिषद् बैठक में पांच नई तहसील और 18 सिंचाई परियोजनाओं पर सहमति

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आचारसंहिता लगने के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में एक नए जिले पांढुर्ना के साथ प्रदेश में पांच नई तहसील बनाने के निर्णय पर सहमति व्यक्त की गई।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री निवास ‘समत्व भवन’ में कल देर रात हुई इस बैठक में मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की भी स्वीकृति दी गई।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसमें चितावद-उज्जैन, मेढ़ा-बैतूल, पन्हेटी-गुना, लोनी-रीवा, खाम्हा-कटनी, डोकरीखेड़ी-नर्मदापुरम, सोनपुर-शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी। इससे लगभग 1250 ग्रामों के लगभग दो लाख कृषक लाभांवित होंगे।

मंत्रिपरिषद द्वारा छिन्दवाड़ा जिले की तहसील सोंसर एवं पांढुर्ना को समाविष्ट का नवीन जिला पाढुर्ना बनाने की स्वीकृति दी गई है। मंत्रिपरिषद द्वारा जिला उज्जैन में नवीन तहसील उन्हेल, जिला बालाघाट में लामता, जिला रायसेन में बम्होरी और सुल्तानगंज, मन्दसौर में नवीन तहसील कयामपुर के सृजन को मंजूरी दी गई। साथ ही फैसला किया गया कि आठ ग्राम पंचायतें, नगर परिषद और ब्यौहारी को नगर पालिका बनाया जाएगा।

मंत्रि-परिषद द्वारा मंदसौर जिले की ग्राम पंचायत नाहरगढ, बोलिया एवं गांधीसागर, सीधी जिले की ग्राम पंचायत सेमरिया, शाजापुर जिले की ग्राम पंचायत अवन्तिपुर बड़ोदिया एवं गुलाना, सतना जिले की ग्राम सिंहपुर, हरदा जिले की ग्राम पंचायत रहटगांव, को नगर परिषद के रूप में गठन एवं शहडोल जिले की नगर परिषद ब्यौहारी को नगर पालिका परिषद में उन्नयन किये जाने तथा राज्यपाल को प्रेषित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में भवन विकास निगम के 77 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राजधानी भोपाल में कमला पार्क से संत हिरदाराम नगर तक एलिवेटेड कॉरिडोर की स्वीकृति भी प्रदान की गई। इसके तहत भोपाल से इंदौर, राजगढ़ एवं पुराने भोपाल में यातायात सुगम करने के लिये 8-लेन मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। यह मार्ग कमला पार्क से खानूगांव (होटल इंपिरियल सेबरे के पास) तक 8-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर होगा। खानूगांव के बाद एलिवेटेड कॉरिडोर दो हिस्सों में बट जाएगा।

एलिवेटेड कॉरिडोर की पहली शाखा खानूगांव से शुरू होकर भोपाल-इंदौर मार्ग पर संत हिरदाराम नगर के समीप समाप्त होगी, जो सिक्स लेन एलिवेटेड होगी। दूसरी शाखा खानूगांव से शुरू होकर मौजूदा संरेखण पर वर्तमान लेवल का पालन करते हुए लालघाटी चौराहे तक जाएगी, जो 6 लेने होगी। मार्ग का निर्माण हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अंतर्गत किया जावेगा। परियोजना के क्रियान्वयन के लिये 3 हजार 156 करोड़ का अनुमोदन दिया गया। मंत्रि परिषद् द्वारा सेवामुक्त होने पर कोटवार को निर्धारित नियमों अंतर्गत एक लाख रूपये की राशि दिये जाने की स्वीकृति दी गई।

मंत्रिपरिषद द्वारा सहकारिता विभाग की योजना अंतर्गत प्राथमिक साख सहकारी समितियों (पैक्स) एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों (लैम्पस) को दिये जाने वाले प्रबंधकीय अनुदान की राशि में प्रति समिति 3 लाख रूपये की अतिरिक्त वार्षिक वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिये 136 करोड़ 11 लाख रूपये की अतिरिक्त राशि राज्य शासन द्वारा प्रतिवर्ष समितियों को उपलब्ध कराई जायेगी।

इसके साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य दुकानों के संचालन के लिये पैक्स एवं लैम्पस समितियों के विक्रेताओं को भी 3 हजार रूपये प्रति विक्रेता प्रति माह पारिश्रमिक मानदेय बढाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये भी 46 करोड़ 89 लाख रूपये की राशि प्रबंधकीय अनुदान के रूप में प्रतिवर्ष समितियों को राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। योजना का क्रियान्वयन 01 अक्टूबर, 2023 से किया जायेगा।

मंत्रि-परिषद द्वारा सभी शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा एवं छात्र को नि:शुल्क ई-स्कूटी/स्कूटी के क्रय करने की कार्यवाही के सरलीकरण के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई। मंत्रि-परिषद द्वारा सीएम राईज स्कूल योजना अंतर्गत सर्व संसाधन सम्पन्न विद्यालयों के उन्नयन और सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये।

बैठक में तीन सिंचाई परियोजनाओं की निविदा आमंत्रित करने की अनुमति दी गई। मंत्रि-परिषद द्वारा नर्मदा घाटी विकास विभाग की 3 परियोजनाओं क्रमश: बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना, शहीद इलाप सिंह उदवहन माइक्रो सिंचाई परियोजना और खण्डवा उदवहन माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित करने की अनुमति प्रदान की गई। लगभग 1,12,220 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित करने वाली तीनों परियोजनाओं की लागत राशि 3 हजार 598 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई।

मंत्रि-परिषद द्वारा आहार अनुदान योजना की हितग्राहियों को प्रतिमाह राशि में 250 रूपये की वृद्धि करते हुए प्रतिमाह राशि 1250 रूपये के स्थान पर 1500रूपये प्रतिमाह किये जाने की स्वीकृति दी है। युवाओं के लिए फैसला लेते हुए मंत्रि-परिषद द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए केवल एक बार ही शुल्क लिए जाने के संबंध में प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया। कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिये वन टाईम परीक्षा शुल्क एवं रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा प्रारंभ की जा रही है।

मंत्रि-परिषद द्वारा शहीद हुए वनकर्मियों को मध्य प्रदेश शासन द्वारा शहीद घोषित करते हुए आश्रितों को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 25 लाख रूपये विशेष अनुग्रह अनुदान प्रदान करने की स्वीकृति दी है। जनजातीय कार्य विभाग के 95 सीएम राइज स्कूलों के चयन एवं स्थान परिवर्तन का अनुसमर्थन किया गया।

मंत्रि-परिषद जनजातीय एवं लोक कलाकारों को प्रदर्शन के लिए दैनिक मानदेय एवं भत्ते की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी है। कलाकारों को प्रदर्शन के लिये दैनिक मानदेय 800 रूपये प्रति दिवस से बढ़ाकर 1500 रूपये प्रति दिवस एवं दैनिक भत्ता 250 रूपये प्रति दिवस से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिदिवस किया गया। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों पर युवाओं के लिए ‘’विवेकानंद युवा संसाधन केंद्र’’ की स्थापना की स्वीकृति दी है। प्रत्येक जिले के अग्रणी/चयनित महाविद्यालय में सर्व सुविधायुक्त कार्यालय, कम्प्यूटर लैब तथा अध्ययन कक्ष का पृथक से निर्माण किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद प्रदेश के शासकीय कर्मचारी/कार्यकर्ता/संविदा कर्मियों को आयुष्‍मान भारत ‘निरामयम’ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति दी है। भारत निरामय योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत पात्र हितग्राही, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आशा तथा उषा कार्यकर्ता, आशा सुपरवाईजर, कोटवार एवं संविदा कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ स्वीकृत किया गया है।

मंत्रि-परिषद द्वारा महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यलाय उज्जैन का कैम्पस जिला रीवा में भी स्थापित करने की स्वीकृति दी गई। अमरपाटन जिला मैहर में नवीन शासकीय पोलिटेक्निक महाविद्याल की स्थापना की स्वीकृति दी गई। रायसेन जिले में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता के नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी गई।