सीएम योगी बोले- मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने की सौगंध खाई थी

अयोध्या में आखिर रामलला विराजमान हो गए। पूरे विधि-विधान के साथ भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। शृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।

भावों को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं: योगी

इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला भगवान की जय बोलने के साथ भारत माता की जय और जैजै सीतारम से भाषण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। मन भावुक है। सीएम योगी ने आगे कहा कि निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं।

भारत का हर मार्ग रामजन्मभूमि की ओर आ रहा है: योगी

सीएम योगी ने कहा कि भारत का हर मार्ग रामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था। बहुसंख्यक समाज ने लंबी लड़ाई लड़ी।

‘भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा’

मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्षों के सुदीर्घ अंतराल के बाद आए प्रभु श्री रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर आज पूरा भारत भाव-विभोर और भाव विह्वल है। श्री अवधपुरी में श्री रामलला का विराजना भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा है। ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती’ की परिकल्पना साकार हो उठी है।

अब अयोध्या धाम में कर्फ्यू का कहर नहीं होगा: योगी

सीएम योगी ने कहा कि रामकृपा से अब कभी कोई भी श्री अयोध्या धाम की पारंपरिक परिक्रमा को बाधित नहीं कर सकेगा। यहां की गलियों में गोलियां नहीं चलेंगी, सरयू जी रक्त रंजित नहीं होंगी। अयोध्या धाम में कर्फ्यू का कहर नहीं होगा। यहां उत्सव होगा। रामनाम संकीर्तन गुंजायमान होगा।

‘प्रभुराम की कृपा से अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं गूंजेंगी’

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में त्रेतायुग उतर आया है। प्रभुराम की कृपा से अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं गूंजेंगी। कर्फ्यू नहीं लगेगा। यहां दीपोत्सव हुआ करेंगे। जैजै सियाराम बोलकर योगी ने अपना भाषण खत्म किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर मन में राम नाम हैं।  हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगा है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम रोम में राम रमे हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं। आज रघुनन्दन राघव रामलला,  हमारे हृदय के भावों से भरे संकल्प स्वरूप सिंहासन पर विराज रहे हैं। आज हर रामभक्त के हृदय में प्रसन्नता है, गर्व है और संतोष के भाव हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी। भाव-विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियाँ व्यतीत हो गईं, दर्जनों पीढियां अधूरी कामना लिए इस धराधाम से साकेतधाम में लीन हो गईं, किन्तु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम सतत जारी रहा।  श्रीरामजन्मभूमि, संभवतः विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य के जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो।

आगे कहा कि सन्यासियों, संतों, पुजारियों, नागाओं, निहंगों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, वनवासियों सहित समाज के हर वर्ग ने जाति-पाँति, विचार- दर्शन, उपासना पद्धति से ऊपर उठकर राम काज के लिए स्वयं का उत्सर्ग किया। अंततः आज वह शुभ अवसर आ ही गया कि जब कोटि-कोटि सनातनी आस्थावानों के त्याग और तप को पूर्णता प्राप्त हो रही है। आज संतोष इस बात का भी है कि मंदिर वहीं बना है, जहाँ बनाने का संकल्प लिया था।

सीएम ने आगे कहा कि संकल्प और साधना की सिद्धि के लिए, हमारी प्रतीक्षा की समाप्ति के लिए, हमारे संकल्प पूर्णता के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हृदय से आभार और अभिनंदन। अभी गर्भगृह में वैदिक विधि-विधान से रामलला के बाल विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा के हम सभी साक्षी बने। अलौकिक छवि है हमारे प्रभु की। बिल्कुल वैसे, जैसा संत तुलसीदास जी ने वर्णन किया है। धन्य है वह शिल्पी, जिसने हमारे मन में बसे राम की छवि को मूर्त रूप प्रदान किया। विचारों और भावनाओं की विह्वलता के बीच मुझे पूज्य संतों और अपनी गुरु परम्परा का पुण्य स्मरण हो रहा है।

आज उनकी आत्मा को असीम संतोष और आनन्द की अनुभूति हो रही होगी, जिन परम्पराओं की पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ में अपनी आहुति दे चुकी हैं, उनकी पावन स्मृति को यहां पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ।यूपी सीएम ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि, संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ। सदियों के बाद भारत में हो रहे इस चिरप्रतिक्षित नवविहान को देख अयोध्या समेत भारत का वर्तमान आनन्दित हो उठा है।

सीएम ने आगे कहा कि भाग्यवान है हमारी पीढ़ी जो इस राम-काज के साक्षी बन रहे हैं और उससे भी बड़भागी हैं वो जिन्होंने सर्वस्व इस राम-काज के लिए समर्पित किया है और करते चले जा रहे हैं। जिस अयोध्या को “अवनि की अमरावती” और “धरती का वैकुंठ” कहा गया, वह सदियों तक अभिशिप्त रही। उपेक्षित रही। सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही। किंतु राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाये रखा। लेकिन हर एक नए दिन के साथ हमारा संकल्प और दृढ़ होता गया। और आज देखिए… पूरी दुनिया अयोध्या जी के वैभव को निहार रही है। हर कोई अयोध्या आने को आतुर है।