सावधान ! स्ट्रेस बढ़ा रहा है सिरदर्द की परेशानी, कम उम्र वालों को ज्यादा खतरा

एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक, भारत में सिरदर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना महामारी (Covid 19) का सबसे बुरा प्रभाव लोगों की मेंटल हेल्थ पर पड़ा है. तनाव और स्ट्रेस के मामले बढ़े हैं. हाल में आई इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से भारत बुरी तरह प्रभावित रहा है. इस वजह से देश में सिरदर्द के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. सिरदर्द (Headache) का सीधा संबंध स्ट्रेस लेवल (Stress Level) से जोड़ा जा रहा है. आइए जानते हैं स्टडी रिपोर्ट…

सिरदर्द को लेकर क्या कहता है रिसर्च
देश की एक प्रमुख दवा कंपनी ने बढ़ते सिरदर्द को लेकर एक रिसर्च किया है. इसके मुताबिक, 20 शहरों के 22 से 45 साल की उम्र वाले 5,310 से ज्यादा लोगों का इंटरव्यू लिया गया. इसमें 93% में सिरदर्द की समस्या कोरोना के बाद काफी बढ़ा है. सिरदर्द की वजह तनाव लेवल से जुड़ा हुआ है. इस रिपोर्ट से पता चला है कि तनाव के चलते लोग तनावग्रस्त हो रहे हैं और उनमें सिरदर्द की शिकायत बढ़ रही है. इस रिसर्च में शामिल हर तीन में से एक ने महामारी के बाद खुद को ज्यादा तनावग्रस्त माना है.

तनाव का कारण क्या है
इस रिसर्च में काम करने वाले और काम न करने वाले दोनों तरह के लोगों को शामिल किया गया है. दोनों में तनाव के लिए आर्थिक समस्याएं और काम का दबाव सिरदर्द बढ़ाने में सबसे ऊपर रहा है. इसके अलावा हेल्थ प्रॉब्लम्स और पारिवारिक झगड़े भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. स्टडी रिपोर्ट बताती है कि तनाव को सही तरह से मैनेज करना चाहिए. कोरोना से पहले की तुलना में 26-35 और 36-45 उम्र वालों में ट्रेस लेवल 12% और 13% तक बढ़ गया है. 26-35 आयु वाले युवा सबसे ज्यादा तनाव में पाए गए हैं. उनका आंकड़ा 87% तक है.

सिरदर्द का सबसे बड़ा नुकसान
तनाव की वजह से सिरदर्द हो रहा है और इससे किसी काम में मन नहीं लग रहा है. करीब 40% पार्टिसिपेंट्स ने माना कि उन्हें काम पर फोकस करने में दिक्कत आ रही है. सिरदर्द में प्रोफेशनल से लेकर पर्सनल लाइफ तक प्रभावित हो रही है.

सिरदर्द के पीछे स्ट्रेस क्यों जिम्मेदार
तनाव के कारण सिरदर्द तब बढ़ता है, जब गर्दन और स्कैल्प की मांसपेशियां तनाव में आती हैं या सिकुड़ जाती हैं. मांसपेशियों में संकुचन तनाव, अवसाद, सिर की चोट या एंग्जायटी का कारण हो सकती है.

सिरदर्द से बचने के उपाय
नियमित समय पर पौष्टिक आहार लें.
किसी भी समय खाना न छोड़ें, खाली पेट गैस बन सकती है.
ब्रेकफास्ट को भूलकर भी न छोड़ें.
रोजाना एक्सरसाइज करें.
पर्याप्त नींद लें, कैफीन और स्मोकिंग से बचें.
डॉक्टर से पूछे बिना दर्द की दवा न खाएं.

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