विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से यहां मुलाकात की।
इस दौरान, दोनों नेता भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। जयशंकर पांच दिन की वाशिंगटन यात्रा पर हैं। हाल में भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत है।
विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से विदेश मंत्रालय में मुलाकात करके अच्छा लगा। कई मुद्दों पर चर्चा हुई, प्रधानमंत्री की जून में हुई यात्रा पर बनी सहमतियों पर चर्चा की, वैश्विक विकास पर भी विचार-विमर्श हुआ। जल्द ही होने वाली ‘टू प्लस टू’ बैठक के संबंध में रूपरेखा तैयार की।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों शीर्ष राजनयिकों ने ”कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान सामने आए मुख्य नतीजे, भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे का निर्माण और इसकी पारदर्शी, टिकाऊ एवं उच्च-मानक बुनियादी ढांचा निवेश उत्पन्न करने की क्षमता से जुड़ी बातचीत शामिल है।
बैठक के बाद मिलर ने एक बयान में कहा, ”दोनों नेताओं ने आगामी ‘टू प्लस टू’ वार्ता से पहले विशेष रूप से रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में सतत सहयोग के महत्व पर जोर दिया।”जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ‘टू प्लस टू’ वार्ता के पांचवें संस्करण की मेजबानी करेगा। हालांकि, उन्होंने इन बैठकों की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। अनुमान है कि नवंबर की शुरुआत में ये बैठकें आयोजित की जाएंगी।
वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन करेंगे। वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।ब्लिंकन के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए जयशंकर रक्षा मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने ब्लिंकन से कहा, ”मैं ‘टू प्लस टू’ के लिए दिल्ली में आपकी मौजूदगी को लेकर उत्सुक हूं।”
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, ”यूएसआईएसपीएफ फोरम की ओर से आयोजित चर्चा में भारत और अमेरिका के बीच अहम एवं उभरती तकनीक पर सहयोग तथा लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने पर चर्चा हुई।”दोनों पक्ष भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक संकट से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष असर पर चुप्पी साधे रहे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस संकट के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया।