बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान विकसित हो रहा है जिसकी वजह से मौसम वैज्ञानिको की चिंताएं बढ़ गईं हैं. मौसम विभाग के अधिकारियों ने कोलकाता और टतीय पश्चिम बंगाल के लिए अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट पर पहुंच सकता है. इस चक्रवाती तूफान को ‘रेमल’ नाम दिया गया है. मौसम विभाग ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है. ऐसी आशंका है कि यह तूफान 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकरा सकता है.
पश्चिम बंगाल में एक बार चक्रवात दस्तक देने वाला है. अलीपुर मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘रेमल’ बन रहा है. जो मई के अंत तक बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकरा सकता है. गौरतलब है कि 25 मई 2009 को अयाला ने सुंदरबन को नष्ट कर दिया. 20 मई, 2020 को अम्फान ने पूरे बंगाल में तबाही मचाई थी. इस बार मई के अंत में यानि 26 मई को राज्य और पड़ोसी देश बांग्लादेश में फिर से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडरा रहा है इसलिए मौसम विभाग ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है. ऐसी आशंका है कि यह तूफान 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकरा सकता है.
बता दे मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को यह साइक्लोन पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को 120 किलोमीटर/ घंटे की तरफ्तार से हिट कर सकता है. पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर और उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में भी भारी बारिश और तेज रफ्तार हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है. पश्चिम बंगाल के ज्यादातर कोस्टल इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है. 26 मई को ऑरेंज अलर्ट पर इन क्षेत्रों को रखा गया है.
वहीं इन इलाकों में रहने वाले मछुआरों को मौसम विभाग ने 23 तारीख से ही समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. 23 से लेकर 27 मई तक मछुआरों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग की ओर से वार्निंग राज्य सरकार और केंद्र सरकार के लिए भेज दी गई है. इनके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लिए भी यह वार्निंग मेल भेजा गया है. वहीं सरकार भी इस आसमानी आफत से निपटने के लिए तैयारियों में लग गई है. प्री साइक्लोन वॉच शुरू की गई है.
बता दे मौसम विभाग के अनुसार यह साइक्लोन बहुत ज्यादा स्पीड से तट पर टकरा सकता है. इससे तटीय इलाकों में भीषण तबाही भी संभव है. मौसम विभाग के अनुसार तूफान जब तट से टकराएगा उस वक्त रेमल की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है. वहीं समुद्र में भी ऊंची-ऊंची लहरें देखने को मिल सकती है. इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को नुकसान संभव है. इसलिए मौसम विभाग ने इन इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है.
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश से सात किलोमीटर ऊपर कम दबाव बन गया है जिसकी वजह से यह तूफान बना है. यह 24 मी को चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है. फिलहाल अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर यह चक्रवात तूफान में तब्दील हुआ तो यह पश्चिम बंगाल और बंग्लादेश की ओर बढ़ सकता है हालांकि अभी लैंडफॉल कहां होगा यह तय नहीं है.
यह भी पढ़ें:
सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़, दंतेवाड़ा में एनकाउंटर में मार गिराए 7 नक्सली