कैलेंडुला” यानी मैरीगोल्ड, फ्रेंच में इसे गेंदा या गेन्दुक भी कहा जाता है, यह फूल सुनहरे या नारंगी रंग के होते है.कैलेंडुला के फूलों का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है और इसे विभिन्न प्रकार के त्वचा समस्याओं, जैसे कि जलन, कटाव, सूजन, मुंहासे, दाग-धब्बों और अन्य त्वचा संक्रमण के लिए उपयोग किया जाता है. कैलेंडुला की क्रीम और तेल भी बाजार में उपलब्ध हैं जिसका उपयोग त्वचा की देखभाल के लिए किया जाता है. इनके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा के एजिंग प्रभाव को कम करते हैं और इनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है. नियमित रूप से कैलेंडुला के फूलों का उपयोग कर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ, खिलती-फुलती और खूबसूरत बना सकते हैं.
आइए जानते हैं कैलेंडुला के तेल का फायदा
त्वचा की प्रॉब्लम के लिए: घाव, चोट, जलन, सूजन, या त्वचा पर कोई संक्रमण हो, उस पर सीधे कैलेंडुला के तेल लगा सकते हैं. यह तेल अंटिसेप्टिक गुणों के साथ-साथ त्वचा को शांत और सुखावन करता है.
मालिश: त्वचा को सुखावन और नरम बनाने के लिए कैलेंडुला तेल का इस्तेमाल मालिश तेल के रूप में भी किया जाता है.
त्वचा की सूजन के लिए: कैलेंडुला तेल में शामक गुण होते हैं, जो त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
अन्य तेलों में मिलाकर: कैलेंडुला तेल को अन्य तेलों (जैसे कि कोकोनट तेल, जैतून का तेल, आदि) के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि उसके गुण और भी बढ़ जाएं.
बालों के लिए: कैलेंडुला तेल को बालों में लगाने से वे मजबूत होते हैं और डैंड्रफ की समस्या को भी दूर किया जा सकता है.
अंडरआई पूफिनेस और डार्क सर्कल्स: अंडर आई की सूजन और डार्क सर्कल्स को कम करने के लिए भी कैलेंडुला तेल का इस्तेमाल किया जाता है.
एंटी-एजिंग: कैलेंडुला तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा की जल्द बूढ़ा होने के प्रक्रिया को धीमा करते हैं.
कट और खुजली: कैलेंडुला तेल को खुजली और छोटे घाव पर लगाने से जलन और खुजली में राहत मिलती है.
स्तनपायु दर्द: कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय स्तन में दर्द होता है. कैलेंडुला तेल की मालिश से इस दर्द को कम किया जा सकता है.