फैटी लिवर की समस्या से ऐसे करें अपना बचाव

आजकल क्रोनिक लिवर की बीमारी नॉन- ऐल्कोहल फैटी लिवर की बीमारी काफी तेजी से फैल रही है. यह टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस नॉन ऐल्कोहल फैटी लिवर की बीमारी से जुड़ा हुआ है. यह खासकर मोटापा और इंसुलिन के कारण होता है. अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो उसे फैटी लिवर की शिकायत हो सकती है? इस डॉक्टर कहते हैं कि यह बिल्कुल झूठ बात है अगर किसी को फैटी लिवर है तो उसे डायबिटीज होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. कई बार ऐसा होता है कि अगर बिल्कुल भी शराब नहीं पीते हैं तब भी आपके खराब खानपान की वजह से आपके लिवर में फैट जमा होने के चांसेस बढ़ जाते हैं.

किसी भी व्यक्ति के लिवर में फैट की मात्रा बिल्कुल कम या फिर न के बराबर ही होती है, लेकिन जब लिवर की कोशिकाओं में फैट जमने लगता है, तो धीरे-धीरे लिवर में सूजन सी आ जाती है. इससे फैटी लिवर की समस्या पैदा हो जाती है. जब किसी को फैटी लिवर की समस्या होती है, तो शरीर में कैलोरी की मात्रा फैट में तब्दील हो जाती है और लिवर की कोशिकाओं में जमने लगती है. इससे लिवर में सूजन बढ़ने लगती है. फैटी लिवर की समस्या ज्यादा गंभीर होने पर लिवर डैमेज भी होने का खतरा रहता है. जब शरीर में वसा की मात्रा लिवर के वजन से 10% बढ़ जाती है तो ऐसी परिस्थिति में लिवर, फैटी लिवर में बदल जाता है. इसका असर पाचन तंत्र पर भी पड़ता है. सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि कई बार लोगों को फैटी लिवर की समस्या के बारे में देर से पता चल पाता है. ऐसे में बचाव करना काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आपको फैटी लिवर के बारे में पता होना जरूरी है. आइये जानते हैं कि फैटी लिवर कितने तरह के होते है? फैटी लिवर के लक्षण क्या होते है और फैटी लिवर का बचाव किस तरह से किया जा सकता है?

फैटी लिवर कितने प्रकार के होते हैं?

1- एल्कोहॉलिक फैटी लिवर- एलकोहॉलिक फैटी लिवर एलकोहल यानी कि ज्यादा मात्रा में शराब पीने की वजह से होता है. इससे लिवर में फैट जमने लगता है और लिवर में सूजन आ जाती है. ज्यादा शराब पीने वाले लोगों को फैटी लिवर की समस्या होने लगती है.

क्या है बचाव- जो व्यक्ति एलकोहॉलिक लिवर की समस्या से जूझ रहा है उसे 6 सप्ताह तक शराब नहीं पीनी चाहिए. इससे लिवर की सूजन कम होने लगती है और इसका एक मात्र उपाय शराब छोड़ना ही है.

2- नॉन-एलकोहॉलिक फैटी लिवर- नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर ज्यादातर खान-पान की वजह से होता है. ऑयली खाना या ज्यादा बाहर का खाना खाने से कुछ ऐसे तत्त्व शरीर में शामिल हो जाते हैं, जिसका सीधा असर आपके वजन पर पड़ता है. मोटापा बढ़ने या डायबिटीज होने पर व्यक्ति को फैटी लिवर की समस्या हो सकती है. यह अक्सर ज्यादा समय तक एक तरीके का भोजन करने की वजह से भी होता है. इस बात का ध्यान रखें कि लंबे समय तक एक जैसा भोजन न करें.

क्या है बचाव- इस समस्या से बचने के लिए भोजन को बदल-बदलकर खाएं. ज्यादा तला भुना न खाएं ताकि मोटापा न हो. व्यायाम करते रहे ताकि आप फिट रहे.

फैटी लिवर के लक्षण

वैसे देखा जाए तो शुरुआत में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ परेशानियों के जरिये ये जाना जा सकता है कि फैटी लिवर की बीमारी है या नहीं. जानते हैं फैटी लिवर के क्या हैं लक्षण.
1- अक्सर उलटी जैसे महसूस होना.
2- भूख बिल्कुल न लगना.
3- खाना अच्छी तरह से नहीं पचना.
4- अक्सर थकान महसूस होना.
5- एकदम से कमजोरी महसूस होना.
6- वजन घटना.
7- पेट के ऊपरी भाग में सूजन होना.

क्यों होती है फैटी फैटी लिवर की समस्या?

सबसे अहम दो कारण हैं एक तो ज्यादा मात्रा में शराब पीना और दूसरा है खान-पान का ध्यान न रखना. वैसे इन कारणों के बावजूद कई और भी कारण हैं जिससे फैटी लिवर की समस्या हो सकती है. जानते हैं.

1- ज्यादा मात्रा में मिर्च-मसाला खाना
2- टाइप-2 डायबिटीज
3- ज्यादा मोटापा होना
4- खून में फैट का बढ़ाना
5- कोलेस्ट्रॉल हाई होना
6- मेटाबोलिज्म कम होना
7- आनुवंशिक कारण

फैटी लिवर से बचाव?
दवाओं के अलावा कुछ घरेलू तरीके हैं जिससे आप फैटी लिवर से बचाव कर सकते हैं. खुद को फिट रखने और फैटी लिवर से बचने के लिए आप इन घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं.

1- नारियल पानी, दाल, दाल का पानी और छाछ खूब पिएं.
2- रोजाना व्यायाम जरूर करें, भले ही कम ज्यादा हो लेकिन व्यायाम करना न भूलें.
3- लहसुन का सेवन करें, सारी सब्जियों में लहसुन का प्रयोग करें.
4- भोजन रात में 9 बजे से पहले ही कर लें, देर रात भोजन न करें.
5- शराब, धूम्रपान तो एकदम ही त्याग दें.
6- किसी भी खाने को अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं.
7- बादी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ कम खाएं.
8- ब्रोकली, मछली, एवोकाडो का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें.