भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कोविंद को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नड्डा ने आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में कोविंद के आवास पर उनसे मुलाकात की। हालांकि, बैठक के ब्यौरे का तत्काल पता नहीं चल सका है। कोविंद व्यवहार्यता और तंत्र का पता लगाएंगे कि कैसे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विचार के प्रबल समर्थक रहे हैं। उन्होंने अक्सर इस बात पर बल दिया है कि लगातार चुनाव के कारण विकास कार्य बाधित होते हैं और लगातार चुनाव के कारण वित्तीय बोझ भी बढ़ता है। कोविंद ने भी मोदी के विचारों से सहमति जताई थी और 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद इस विचार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था।
संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने 2018 में कहा था, ‘बार-बार चुनाव होने से न केवल मानव संसाधनों पर भारी बोझ पड़ता है, बल्कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है।’ मोदी की तरह उन्होंने भी सतत बहस का आह्वान किया था और उम्मीद जताई थी कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंचेंगे।