बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी का त्योहार मंगलवार को पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी।श्रीमती मुर्मू ने कहा,“दशहरा के पावन त्योहार पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।” उन्होंने एक्स पर लिखा,“दशहरा, जिसे विजयादशमी के रूप में भी मनाया जाता है, हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस पावन पर्व पर मेरी मंगल कामना है कि हम सब पूरी मानवता के कल्याण की भावना के साथ सत्य और न्याय के पथ पर आगे बढ़ते रहें।”
वहीं, श्री मोदी ने भी विजयादशमी के पर्व पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने एक्स पर कहा,“देशभर के मेरे परिवारजनों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पावन पर्व नकारात्मक शक्तियों के अंत के साथ ही जीवन में अच्छाई को अपनाने का संदेश लेकर आता है।”श्री मोदी ने मंगलवार को राजधानी के द्वारका में विजयादशमी उत्सव में भाग लेते हुए देशवासियों से भेद-भाव और अन्य सामाजिक बुराइयों को राष्ट्रभक्ति की भावना से पराजित करने तथा गरीबों की मदद करने संकल्प लेने का आह्वान किया।
उन्होंने उत्सव में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए देशवासियों को ‘शक्ति उपासन पर्व नवरात्र और विजय पर्व विजियादशमी की शुभकामनाएं दीं।’ प्रधानमंत्री ने अर्थ से लेकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की नई उड़ानों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है. ऐसे समय में भारत को सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है। उन्होंने अपील की कि रावण के दहन के रूप में बस एक पुतले का दहन ना करें, हर उस बुराई को समाप्त करें जो देश के सौहार्द को तोड़ती है।
श्री मोदी ने कहा,‘‘विजयादशमी का पर्व सिर्फ रावण पर राम की विजय का पर्व नहीं, राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति की विजय का पर्व बनना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें समाज में बुराइयों के, भेदभाव के अंत का संकल्प लेना चाहिए।’’उन्होंने सियावर राम चन्द्र की जय के उद्घोष के साथ कहा कि विजयादशमी का पर्व अन्याय पर न्याय की विजय अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है।
उन्होंने समर्थ लोंगों से गरीब परिवारों की मदद का आह्वान करते हुए कहा,“हम उनके घर का सदस्य बनकर कम से कम एक गरीब परिवार की सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाएंगे।”प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला कि जब तक देश में एक भी गरीब व्यक्ति है जिसके पास बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, घर नहीं है, बिजली नहीं है, गैस नहीं है, पानी नहीं है, इलाज की सुविधा नहीं है, हम आराम से नहीं रह सकते। उन्होंने कहा,“ विजयादशमी तब मना रहे हैं जब चन्द्रमा पर हमारी विजय को दो महीने पूरे हो रहे है।”
श्री मोदी ने कहा कि विजयादशमी भगवान राम की वापसी के समान है। उन्होंने कहा कि भारत में शगुन हो रहे हैं, हम चांद पर पहुंच गए, हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं, नया संसद भवन बन गया है, महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया है और इस समय पूरी दुनिया लोकतंत्र की जननी को देख रही है।प्रधान मंत्री ने भारत के लिए अगले 25 वर्षों के महत्व को दोहराया।
उन्होंने कहा, “हमें भगवान राम के विचारों का भारत बनाना है। एक विकसित भारत, जो आत्मनिर्भर हो, एक विकसित भारत, जो विश्व शांति का संदेश देता हो, एक विकसित भारत, जहां सभी को अपने सपनों को पूरा करने का समान अधिकार हो, एक विकसित भारत, जहां लोगों को समृद्धि और संतुष्टि का एहसास हो। यह राम राज की परिकल्पना है।”
इसी आलोक में प्रधानमंत्री ने सभी से पानी बचाने, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने, स्वच्छता, लोकल के लिए वोकल, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने, विदेश के बारे में सोचने से पहले देश को देखने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, बाजरा को बढ़ावा देने और फिटनेस अपनाने जैसे 10 संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि विजया दशमी पर शस्त्र की पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं बल्कि उसकी रक्षा के लिए शस्त्र पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति पूजा हमारे लिए नहीं पूरी सृष्टि के सौभाग्य, आरोग्य सुख विजय और यश के लिए की जाताी है ।
प्रधानमंत्री ने कहा,“हम श्रीराम की मर्यादा जानते है और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सौभाग्य मिला है भगवान राम का भव्य मंदिर बनता देख पा रहे है और अयोध्या की अगली राम नवमी पर रामलला के मंदिर पर गूंजा हर स्वर पूरे विश्व को हर्षित करने वाला है। भगवान राम की जन्म भूमि पर बन रहा भव्य मंदिर सदियों की प्रतिक्षा के बाद हम भारतीयों को मिली विजय का प्रतीक है । राम मंदिर में भगवान राम के विराजने पर कुछ ही महीन बचे हैं।”
श्री मोदी ने कहा,“साथियों उस हर्ष की परिकल्पना कीजिये जब शताब्दियों के बाद भगवान राम के मंदिर में उनकी मूर्ति बिराजेगी।”वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और इस दिशा में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन जैसे कदमों के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।श्री सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में अग्रिम चौकियों का दौरा करके वहां सशस्त्र बलों की परिचालन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनके साथ दशहरा मनाया।
उन्होंने तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा की।रक्षा मंत्री ने तवांग युद्ध स्मारक का भी दौरा कर 1962 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे; जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता; जीओसी, 4 कोर लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
श्री सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। पहले हम अपनी सेना को उन्नत बनाने के लिए आयात पर निर्भर रहा करते थे,लेकिन आज, कई प्रमुख हथियारों और प्लेटफार्मों का निर्माण देश के भीतर ही किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि देशी कंपनियों को अपनी तकनीक साझा करने और भारत में घरेलू उद्योग के साथ उपकरण का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में, रक्षा निर्यात का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये था, लेकिन आज हम हजारों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात रहने वाले, लेकिन देश और उसकी जनता की सदैव सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सैनिकों की अडिग भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समूचे देश को सशस्त्र बलों पर गर्व है।श्री सिंह ने बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा देश के वीर जवानों की धार्मिकता और धर्म को विजयादशमी के त्योहार के लोकाचार का सजीव प्रमाण बताया।
उन्होंने कहा कि भारत के सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता जैसे कारणों की बदौलत ही आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का कद बढ़ा है और अब वह सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार हो चुका है। अपने हाल के इटली दौरे का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने मोंटोन स्मारक (पेरुगिया प्रांत) का दौरा किया, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध में मोंटोन को मुक्त कराने के लिए इतालवी अभियान में लड़ने वाले नाइक यशवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के योगदान के सम्मान में बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि उस स्मारक पर केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि इतालवी लोग भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी का वैश्विक स्तर पर सम्मान है।
वहीं, रक्षा मंत्रालय की यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री सिंह ने असम के तेजपुर में 4 कोर मुख्यालय का भी दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान श्री सिंह ने देश के सुदूर पूर्वी हिस्सों में तैनात फॉर्मेशन की परिचालन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। रक्षा मंत्री को एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास और अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों की परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोर के सभी रैंकों द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य और उपयोगी सेवाओं की सराहना की।देशभर में मंगलवार अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया गया। इस अवसर पर श्री मोदी से लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी तक रावण दहन में शामिल हुए।
वहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी राजधानी के लाल किला मैदान में नवश्री धार्मिक रामलीला समिति की ओर से आयोजित ‘रावण दहन’ में भाग लिया।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लाल किले में लव कुश रामलीला समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ‘रावण दहन’ किया।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मुंबई के आजाद मैदान में रावण दहन में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में दशहरा के अवसर पर रावण दहन में शामिल हुए और रावण का पुतला जलाया।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रायपुर में रावण दहन में शामिल हुए।पंजाब के अमृतसर में दशहरे की धूम देखने को मिली, यहां लोगों ने पटाखों से भरे रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले को जलाया।
दशहरा उत्सव के दौरान बिहार के पटना स्थित गांधी मैदान में रावण का दहन देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए।हैदराबाद के जीएचएमसी मैदान में दशहरा समारोह के दौरान रावण का पुतला जलाया गया।इससे पहले हरियाणा के फरीदाबाद में विजयादशमी समारोह के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले स्थापित किए गए, जिन्हें देखने के लिए लोग दशहरा मैदान में पहुंचे।
हिमाचल प्रदेश में आज कुल्लू अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के पहले दिन आयोजित जुलूस के दौरान भक्तों में उत्साह दिखने को मिला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दशहरा उत्सव का विधिवत उदघाटन कर इसका शुभारंभ किया।प्रयागराज में दशहरे से पहले एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान ‘रावण की बारात’ से पहले कलाकार एक मंदिर के बाहर खड़े दिखे।इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी देशवासियों को आज बधाई दी।
श्री खडगे ने कहा,“असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई एवं अन्याय पर न्याय की विजय के प्रतीक विजयादशमी के पावन पर्व पर समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ। इस महापर्व पर अहंकार और बुराइयों का अंत कर हमें सामाजिक सद्भाव, सौहार्द एवं भाईचारे को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए।”श्री गांधी ने कहा,“अच्छाई की बुराई पर जीत के महापर्व, विजयदशमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। असत्य और अहंकार का नाश हो, सत्य और मानवता का सभी के जीवन में वास हो। शुभ दशहरा।
”श्रीमती वाड्रा ने कहा,“असत्य, अन्याय और अत्याचार की हार तय है। लड़ाई लंबी चल सकती है लेकिन युद्ध का अंत सत्य और न्याय के पक्ष में ही होगा। विजयादशमी ने हमें यही सर्वोत्तम रास्ता दिखाया है। आइये, भगवान राम की साधुता, भद्रता, विनम्रता और महान शौर्य को याद करें। उसे धारण करें। आप सबको विजयादशमी की बधाई। उत्सव के साथ-साथ यह संकल्प का भी दिन है।”
इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून के परेड ग्राउण्ड में बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी द्वारा आयोजित दशहरा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना के तत्पश्चात् रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया।मुख्यमंत्री ने सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्षों से हम रावण का दहन करते आ रहे है। रावण अधर्म एवं बुराई का प्रतीक था, इसलिये उसे हर वर्ष जलना होता है। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें समाज में जहां भी
बुराई नजर आती है उसे दूर करने का भी सन्देश देता है। अच्छा इंसान बनकर ही हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में सहभागी बन सकते हैं।श्री धामी ने कहा कि विजयादशमी का यह पर्व हमारे समाज के लिये एक सीख और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह पर्व हमारे सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने, हमारी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने, और सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में प्रयास करते रहने की परंपरा को आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि हमारे त्यौहार, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े होने के साथ ही कृषि, नदियों, पहाड़ों और हमारे इतिहास से जुड़े हुए हैं। युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्रि के शुभ दिनों के बाद आज विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम जिस संकल्प को लेकर अयोध्या से निकलते हैं, उसी संकल्प से वे एक बड़ी सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं और रावण पर उनकी जीत में समाज के हर वर्ग की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हैं।उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। हम सभी जानते है कि प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में बनने को है। यह हमारा सौभाग्य है कि सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वहां हम भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे है।
श्री धामी ने कहा कि हमारे प्रदेश में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुडे कई स्थान है। हनुमान जी ने प्रदेश के द्रोणगिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर लक्ष्मण जी की जीवन रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढा है। देश में जी-20 देशों का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। इस आयोजन में दुनिया ने नये भारत के सामर्थ्य तथा सांस्कृतिक वैभव को देखा। आज देश के अंदर एवं सीमाओं पर पूर्णतः शान्ति का माहौल है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि इस विजयादशमी पर प्रतिज्ञा लें कि हम 2025 तक, जब हम अपनी राज्य गठन की रजत जयन्ती मनाएंगे, अपने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लें। हमें प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग को रोकने एवं वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ बनाने का संकल्प भी लेना होगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, डा.धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, बिनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अल्प संख्यक आयोगके अध्यक्ष डा. आर. के. जैन, बन्नू बिरादरी समिति के अध्यक्ष सन्तोष नागपाल, प्रेम भाटिया, गगन सेठी, तिलकराज चांदना सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।
केरल में मंगलवार को विजयादशमी के दिन आयोजित ‘विद्यारंभम’ अनुष्ठान के हिस्से के रूप में हजारों नन्हे-मुन्नों को अक्षर जगत में दीक्षा दी गई। इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में बच्चों को पत्रों की दुनिया में प्रवेश कराया। ‘विद्यारंभम्’ अनुष्ठान, बच्चों को ज्ञान की दुनिया में दीक्षित करने की सदियों पुरानी परंपरा, मंदिरों और अन्य प्रमुख संस्थानों में आयोजित की गई है।
इस मौके पर, पूजापुरा में विभिन्न मंदिरों में हजारों को संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए।मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, भारतीय विचार केंद्रम के निदेशक आर संजयन, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला, सांस्कृतिक नेताओं और अन्य लोगों ने आज सैकड़ों छोटे बच्चों को पत्रों की दुनिया में प्रवेश कराया है।
विभिन्न पूजा स्थलों के साथ-साथ नवरात्रि मंडपों, स्कूलों और सांस्कृतिक केंद्रों में विशेष पूजा की गई। दीक्षा समारोह के भाग के रूप में, बच्चे की जीभ पर ‘हरि श्री गणपतये नमः अविघ्नमस्तु’ अक्षर लिखे जाते हैं और सभी अक्षर सोने के टुकड़े से लिखे जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन, चावल से लिखे गए अक्षरों को बच्चों से उच्चारण कराया जाता है।इस बीच, बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक विजयादशमी राज्य भर में धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।इसके अलावा विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भी दशहरा पारंपरिक हर्षाेंल्लास के साथ मनाया गया।