रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजा की और सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाया। उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने सीमाओं को सुरक्षित रखा है, इसीलिए दुनिया के सामने भारत का कद तेजी से बढ़ रहा है। अगर आपने देश की सीमा को सुरक्षित नहीं रखा होता, तो यह कद संभव नहीं होता।
रक्षा मंत्री हर साल सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाने और शस्त्र पूजा करने के लिए देश की किसी न किसी सीमा पर जाते हैं। उन्होंने पिछले साल चमोली (उत्तराखंड) के औली मिलिट्री स्टेशन में ‘शस्त्र पूजा’ की थी। इसके बाद चीन सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा जाकर सेना और आईटीबीपी की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण करने के साथ ही सैनिकों के संग दशहरा पर्व मनाया था। इस बार रक्षा मंत्री अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाने के लिए पहुंचे हैं और उनके साथ शस्त्र पूजा भी की है।
रक्षा मंत्री सोमवार को ही अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा से पहले असम के तेजपुर पहुंचे और बड़ाखाना में शामिल होकर सैनिकों के साथ भोजन किया। आज सुबह तवांग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा की और सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाया। उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि आपने सीमाओं को सुरक्षित रखा है और यही कारण है कि दुनिया के सामने भारत का कद तेजी से बढ़ रहा है। सभी विकसित देश इस वास्तविकता को स्वीकार करते हैं कि पिछले 8-9 वर्षों में भारत का कद बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत का कद बढ़ा है और भारत ने आर्थिक विकास किया है, तो यह वास्तव में महत्वपूर्ण है। अगर आपने देश की सीमा को सुरक्षित नहीं रखा होता, तो यह कद संभव नहीं होता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि जिस कठिन परिस्थिति में आप देश की सीमाओं की रक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि देशवासियों को आप पर गर्व है। आप अपनी वर्दी का महत्व जानते हैं।
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के बुम-ला से दूरबीन के जरिये भारतीय पक्ष में ‘अतुल्य भारत’ द्वार और सीमा पार चीनी सीमा कार्मिक बैठक सुविधा (नीली छत वाली झोपड़ियां) देखीं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने उन्हें भारत की परिचालन क्षमताओं के बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं चार साल पहले यहां आया था, इस बार विजयादशमी पर फिर एक बार बहादुर जवानों के बीच रहकर उन्हें इस अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता था। इसलिए मैं यहां आपके बीच आया हूं।