garlic and onion isolated on white

जानिए,बरसात में लहसुन-प्याज खाने से इसलिए किया जाता है मना

बरसात में मौसम में तुरंत-तुरंत बदलाव होने के कारण कई तरह की बीमारियां इंसान को तुरंत चपेट में ले लेती है. सर्दी-जुकाम, बुखार, डेंगू, मलेरिया या टाइफॉइड यह सब ऐसी बीमारियां जो तुरंत इंसान को अपने गिरफ्त में ले लेती है. बरसात के सीजन में आए दिन इन बीमारियों के मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है. खानपान में अगर सावधानी न बरतें या कोई व्यक्ति लगातार अनहेल्दी डाइट ले रहा है तो उसे इस तरह की बीमारी होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. वहीं सेलिब्रेटी डायटिशियन रुजुता दिवेकर ने लॉजिक देते हुए बताया कि आखिर क्यों बरसात के मौसम में लहसुन-प्याज खाने से मना किया जाता है. साथ ही क्यों नहीं खानी चाहिए इसे लेकर सलाह दी है.

सीजनल फूड्स तो खाने ही चाहिए: रुजुता दिवेकर

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट और मशहूर डायटिशन रुजुता दिवेकर के मुताबिक जब सीजन में बदलाव होते हैं तो डायट में भी कुछ बदलाव करनी चाहिए. दरअसल, बरसात के मौसम में शरीर के इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए और बीमारियों से मुक्त रहने के लिए हमें विशेष पोषण की जरूरत पड़ती है. रुजुता दिवेकर आए दिन अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लोकल और सीजनल फूड्स को खाने पर जोड़ देती हैं. गौरतलब है कि बॉलिवुड की एवरग्रीन ब्यूटी करीना कपूर की डायटिशन रुजुता दिवेकर ही है. रुजुता आए दिन अपने वीडियो के जरिए लोगों को डाइट के लिए सजग करती रहती हैं कि किस मौसम में किस तरह के डायट का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं रुजुता दिवेकर बरसात में क्या खाने के लिए मना करती हैं और क्या खाने के लिए छूट देती हैं.

क्यों बरसात में मछली,मटन, चिकन से करना चाहिए परहेज

इंडियन फैमिली में बरसात के 4 महीने किसी भी तरह के नॉन-वेजिटेरियन फूड से परहेज करने के लिए कहा जाता है. खासकर सावन के महीने में इन सभी चीजों को खाने से बचना चाहिए. रुजुता दिवेकर के मुताबिक भी ऐसा करना सही है. बरसात में मीट, मछली और अंडे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.

बरसात में क्यों नहीं खाना चाहिए लहसुन और प्याज

वहीं जो लोग प्योर शाकाहारी है उनके लिए भी रुजुता दिवेकर को खास सलाह यह है कि लहसुन-प्याज बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. क्योंकि यह दोनों चीजें बरसात में खाना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.

बरसात में शकरकंद खाना फायदेमंद

शकरकंद में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो बरसात में पेट संबंधी दिक्कतों को दूर करता है. साथ ही इसमें फाइबर के साथ-साथ आयरन, विटामिन सी और विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है. इस मौसम में गाजर, मक्का और कद्दू भी खूब खा सकते हैं. यह शरीर के लिए काफी अच्छा होता है. इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं.

लहसुन-प्याज खाने से अक्सर क्यों किया जाता है मना

दरअसल, लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. क्योंकि यह गर्म माना जाता है. कहा जाता है कि इन दोनों चीजों को खाने से ब्लड सर्कुलेशन अप एंड डाउन होता है. ऐसे में गुस्सा, अहंकार, एक्साइटमेंट, आलस और कई तरह की चीजें होती है. इसलिए पूजा-पाठ में सबसे पहले लहसुन और प्याज वर्जित किया जाता है. बरसात में भी इसलिए वर्जित किया जाता है कि ताकि पेट गर्म न हो और पेट में गड़बड़ी होगी तो स्वास्थ्य खराब होगा. इसलिए अक्सर बदलते मौसम, बरसात या मॉनसून में इसे खाने के लिए मना किया जाता है.

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