पेट की जिद्दी चर्बी से हैं परेशान तो इन आसान स्टेप्स से हमेशा के लिए पाइए इससे छुटकारा

ज्यादातर लोग अपने बढ़े हुए वेट की वजह से परेशान हैं, सबसे ज्यादा दिक्कत होती है लोगों को पेट का फैट घटाने में, क्योंकि बाकी जगह का फैट कम हो भी जाता है मगर पेट का फैट बहुत जिद्दी होता है जो बड़ी मुश्किल से जाता है। ज्यादातर ओवरईटिंग की वजह से आपके पेट में फैट जमा होने लगता है। पेट की चर्बी घटाने के लिए लोग फैट बर्नर से लेकर बेल्ट तक लगाते हैं और स्किन फिट पहनते हैं। अगर आप भी पेट कीचर्बी से परेशान हैं तो हम आपको बेहद आसान तरीका बताने वाले हैं जिससे आप अपने पेट का फैट आसानी से घटा सकते हैं। चलिये जानते हैं पेट की जिद्दी चर्बी से छुटकारा पाने के उपाय:

कैसे कम करें पेट का जिद्दी फैट?
पेट से फैट घटाने का तरीका इतना भी मुश्किल नहीं है जितना आप समझते हैं, बस इसे समझने की जरूरत है। सबसे पहले तो आपको ये जानना होगा कि आप किसी हिस्से विशेष की चर्बी नहीं घटा सकते हैं, हमारा शरीर एक प्याज के जैसा होता है, अगर फैट निकलेगा तो पूरे शरीर का फैट एक साथ निकलेगा। ऐसा नहीं है कि आप एब्स की एक्सरसाइज खूब करेंगे और बाकी शरीर की एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो आपका पेट कम हो जाएगा।

आपको हर दिन अपने हर बॉडी पार्ट की एक्सरसाइज करनी होगी। पूरे शरीर से धीरे धीरे फैट कम होगा, पेट का फैट थोड़ा जिद्दी होता है जो अंत में जाता है मगर इसका कोई शॉर्ट कट नहीं है, आपको बस रेगुलर एक्सरसाइज करनी है और इन तीन प्वाइंट्स को समझना होगा और फॉलो करना होगा, इसे फॉलो करने से आप अपने पूरे शरीर का फैट निकाल सकते हैं, जिसमें पेट की चर्बी भी शामिल है।

 

कैलोरी डेफिसिट
डाइटिंग और एक्सरसाइज के बिना क्या फैट लॉस है मुमकिन?
कैलरी डेफिसिट का मतलब होता है, अपनी जरूरत से कम कैलरी खाना।

जब हम अपनी जरूरत से कम कैलरी खाएंगे तो हमारा शरीर फ्यूल के लिए शरीर में जमे हुए फैट का इस्तेमाल करेगा, और अपने आप आपके शरीर से फैट कम होने लगेगा। आपके शरीर की एक मेंटेनेंस कैलरी होती है, अगर आप अपने शरीर को जितनी एनर्जी की जरूरत है उतनी ही खाएंगे तो आपका वजन उतना ही रहेगा, और अगर आप जरूरत से ज्यादा खाएंगे तो वो एनर्जी शरीर फैट में बदलकर आपको ओवरवेट करेगा, और अगर आप अपनी कैलरी डेफिसिट कर देंगे, मतलब जरूरत से कम खाएंगे तो आपका वजन घटने लगेगा।

जो जितना मोटा है उसके लिए कैलरी डेफिसिट करना उतना ही आसान, क्योंकि आपके शरीर में जमा फैट आपके शरीर को फ्यूल देने का काम करेगा।

80 % होल फूड

फैट लॉस का जो तीसरा नियम है वो है 80 फीसदी तक होल फूड्स खाना। आप पिज्जा, बर्गर के साथ भी अपना वजन कम कर सकते हैं, अगर आप कैलरी में खाएंगे, और ये ध्यान रखेंगे कि आपके शरीर को दिनभर का जो खाना है उसका 80 प्रतिशत होल फूड हो। होल फूड्स का मतलब है ऐसा खाना जो अपने सोर्स से मिल रहा है, जैसे कि दूध, फल, सब्जियां, दालें। जो फूड अपने सोर्स के जितना करीब है वो उतना हेल्दी है। आपने गन्ने को प्रोसेस करते करते टॉफी बना दी, या आलू को प्रोसेस करके चिप्स बना दिया, या फिर गेंहू को प्रोसेस्ड करके ब्रेड बना दिया, तो खाने में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स खत्म हो गए, आप कुछ भी छोड़िए मत 20 फीसदी अपना पसंदीदा फूड खाइए, लेकिन बाकी के 80 प्रतिशत आपको होल फूड से लेना होगा।

प्रोटीन

हमारे शरीर को एनर्जी देने के लिए तीन फ्यूल होते हैं, प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट। अगर आपको वजन कम करना है तो आपको अपना प्रोटीन इनटेक बढ़ाना होगा और फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करनी होगी। अब आप सोच रहे होंगे कि आपको कितना प्रोटीन लेना है।

किसी भी नॉर्मल इंसान को उतना प्रोटीन चाहिए होता है जितना उसका वजन होता है, यानी कि आप 50 किलो के हैं तो आपको दिन में कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन खाना होगा, लेकिन अगर आप तेजी से अपना वजन कम करना चाहते हैं और आप वर्कआउट करते हैं, एक्टिव रहते हैं तो आप अपने वेट का डेढ़ से दोगुना ग्राम प्रोटीन लेना होगा, यानी कि अगर आपका वजन 80 किलो है तो करीब 140-145 ग्राम प्रोटीन आपको डेली लेना होगा।

जब आप शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाते हैं तो एक तो आपके मसल्स मजबूत होते हैं, इसके अलावा प्रोटीन खाने के बाद आपको भूख कम लगती है और आप ओवरईटिंग से बचते हैं। इसके अलावा प्रोटीन फैट बर्न करने में भी मदद करता है।

आपको प्रोटीन बजट बढ़ाने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि आपको दिनभर में जितना खाना है उस बजट से आगे आपको नहीं बढ़ना है, आप प्रोटीन बढ़ा रहे हैं तो फैट और कार्ब्स भी आपको कम करने होंगे। आप ये समझिए कि आपको अपने वजन का करीब दोगुना प्रोटीन खाना है और जितनी भी कैलरी आपकी बचती है उसे आप फैट या कार्ब्स से पूरी कर सकते हैं।

इसलिए कैलरी ट्रैक करना बहुत जरूरी है, आपको ऐसे तमाम एप्स मिल जाएंगे जिसमें आप अपनी दिनभर की कैलरी ट्रैक कर सकते हैं, ऐसा करने से आप ओवरईटिंग से बचेंगे।