दुष्कर्म मामले में केरल के पूर्व सरकारी अधिवक्ता ने आत्मसमर्पण किया

केरल पुलिस की ओर से लुक-आउट नोटिस जारी किये जाने के दो सप्ताह से अधिक वक्त बाद दुष्कर्म के मामले में आरोपी पूर्व वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया।अधिवक्ता पर अपने कार्यालय में और महिला के आवास पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने के आरोप हैं।

आरोपी अधिवक्ता पी जी मनु ने आज सुबह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस उपाधीक्षक पुथेनक्रूज ने इसकी पुष्टि की।दो दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने आरोपी अधिवक्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उसे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।

इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने उसे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए 12 जनवरी तक का समय दिया था, इसके बाद भी आत्मसमर्पण नहीं करने पर 14 जनवरी को उसके खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया गया।अधिवक्ता के खिलाफ पिछले साल 29 नवंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 354 (शील भंग करना) और 506 (धमकी देना) के विभिन्न प्रावधानों और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

यह कार्रवाई पीड़िता की ओर से दी गई शिकायत के बाद की गई।इसके बाद अधिवक्ता ने अपना इस्तीफा दे दिया था।महिला की शिकायत के अनुसार अधिवक्ता ने किसी मामले में बयान दर्ज कराने के लिए उसे अपने कार्यालय में बुलाया था और कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया था।