हाईकोर्ट फैसले में देरी की वजह से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सोरेन, लगाई गुहार

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनशोधन के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। उन्होंने अपने इस मामले को याचिका  दायर की है  जिसमें धनशोधन के मामले में ईडी ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर हाईकोर्ट किसी भी प्रकार का फैसला नहीं सुना रहा है।

हेमंत सोरेन पर जमीन से जुड़े घोटालो के आरोप है जिस मामले में धन शोधन का भी आरोप है इस मामले की वजह से सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री अभी बिरसा मुंडा जेल (रांची) में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में दायर हुई याचिका के मुताबिक  हाईकोर्ट द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर अभी जवाब देने के लिए ईडी को अभी एक सप्ताह का वक्त और दिया गया है। सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया था की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने उनके द्वारा दर्ज हुई याचिका पर 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन फैसला अभी भी नही दिया गया है।

यह जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। सोरेन के खिलाफ यह जांच रांची की जमीन से जुड़ी है। ईडी ने आरोप लगता है कि इस जमीन को अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और राज कुमार पाहन और इनके सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया था। सोरेन ने रांची में विशेष अदालत से अपनी जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आओ गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया और  भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर होने के लिए सुनियोजित साजिश का हिस्सा भी है।

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