असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को धुबरी जिले की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर सख्त रुख अख्तियार किया। बांग्लादेश सीमा से सटे इस संवेदनशील जिले में हालिया सांप्रदायिक तनाव के बाद मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने कहा, “धुबरी में अशांति फैलाने वालों पर ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश लागू रहेंगे। जो भी पत्थरबाजी या उपद्रव में लिप्त पाया जाएगा, उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा।”
🕌 तनाव की वजह: मंदिर के सामने मिला गाय का सिर
तनाव की शुरुआत उस वक्त हुई जब बकरीद के एक दिन बाद, एक मंदिर के सामने गाय का कटा सिर मिलने की घटना सामने आई। इसके बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई, जिसे कुछ ही दिन बाद हटा दिया गया।
हालांकि, हालात संभलने से पहले ही एक और ऐसी घटना और पत्थरबाजी ने स्थिति को और भड़का दिया। इसी के जवाब में मुख्यमंत्री ने जिले का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
🚨 ‘नबीन बांग्ला’ संगठन पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री सरमा ने अपने बयान में दावा किया कि एक उग्र संगठन ‘नबीन बांग्ला’ ने बकरीद से पहले भड़काऊ पोस्टर लगाए थे। इन पोस्टरों में धुबरी को बांग्लादेश में मिलाने जैसी बातें लिखी गई थीं, जिसे मुख्यमंत्री ने राज्य की संप्रभुता पर सीधा हमला करार दिया।
🛡️ सीआरपीएफ और आरएएफ की तैनाती, कार्रवाई के निर्देश
सरमा ने घोषणा की कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और तेज़तर्रार रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति जो कानून को अपने हाथ में लेगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी संदिग्धों की पहचान की जा रही है और शीघ्र गिरफ्तारी होगी।”
🐄 बीफ माफिया पर भी शिकंजा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बकरीद के दौरान पश्चिम बंगाल से हजारों मवेशी धुबरी लाए गए थे, जिससे एक नई बीफ तस्करी गैंग सक्रिय हुई।
सरमा ने इस अवैध व्यापार की जांच के आदेश देते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी का निर्देश दिया है।
🔥 “धुबरी हमारे हाथ से नहीं जाएगा”
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान यह भावनात्मक और सख्त संदेश भी दिया—
“धुबरी हमारे हाथ से नहीं जाएगा। अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं खुद रात भर हनुमान मंदिर की निगरानी करूंगा।”
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