दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण को लेकर कथित घोटाले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को जैन से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, जैन ने कई सवालों के जवाब या तो गोलमोल दिए या चुप्पी साध ली, जिससे एजेंसी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं दिखी।
एसीबी ने दिखाई सख्ती, पेश किए सबूत
ACB ने पूछताछ के दौरान जैन के सामने कई दस्तावेज और रिपोर्टें रखीं और उनके आधार पर सवाल पूछे। लेकिन कई सवालों पर जैन ने सीधा जवाब देने से बचााव किया। ACB अब उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुला सकती है।
इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी समन जारी किया गया है, जिन्हें 9 जून को पेश होने को कहा गया है।
30 अप्रैल को दर्ज हुई थी FIR
इस घोटाले की FIR 30 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई थी, जिसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद ACB ने दाखिल किया। FIR में स्कूल निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं और टेंडर प्रक्रिया के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
CVC और विजिलेंस की रिपोर्टों ने खोले घोटाले के राज
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की 2020 की रिपोर्ट और दिल्ली विजिलेंस निदेशालय की जांच में खुलासा हुआ कि:
एक कक्षा की लागत 24.86 लाख रुपए दिखाई गई, जबकि यह महज 5 लाख रुपए होनी चाहिए थी।
निर्माण कार्यों में CPWD नियमों और टेंडर प्रक्रिया की अनदेखी की गई।
सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर (SPS) की लागत 8,800 रुपए प्रति वर्ग फुट बताई गई, जो सामान्य दर से 5 गुना अधिक है।
2015-16 में स्वीकृत प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ और लागत में 17% से 90% तक की बढ़ोतरी देखी गई।
34 ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने का आरोप भी है।
राजनीतिक तूफान: विपक्ष का हमला
इस मामले पर भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखा हमला बोला है। दोनों दलों ने इसे “जनता के पैसे की खुली लूट” बताया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है।
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