रूस-यूक्रेन युद्ध ने न केवल यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह नष्ट कर दिया, बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति को भी गहरा झटका दिया है। हालात इतने गंभीर हैं कि यूक्रेन को फिर से पटरी पर लाने के लिए करीब 45 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जो उसकी वर्तमान आर्थिक क्षमता से तीन गुना अधिक है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों से दोनों देशों के बीच अस्थायी शांति समझौता हुआ, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि युद्ध में हुए विनाश की भरपाई कैसे होगी?
तीन साल की तबाही का आंकड़ा
वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अनुमान के अनुसार,
यूक्रेन को अब तक 524 अरब डॉलर (लगभग 45 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है।
यूक्रेन का ऊर्जा क्षेत्र 70% तक बर्बाद हो गया है।
देश के 13% घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जिससे 25 लाख से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं।
परिवहन, वाणिज्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी भारी असर पड़ा है।
यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए रणनीति
युद्ध विराम के बाद अब यूक्रेन के सहयोगी देश एक नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। यूरोपीय संघ (EU) का मानना है कि रूस की जब्त की गई संपत्तियों से यूक्रेन के पुनर्निर्माण का खर्च निकाला जा सकता है।
रूस की 25 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति विभिन्न देशों में फंसी हुई है, जिनमें
210 अरब यूरो यूरोपीय देशों में जमा हैं।
सबसे बड़ा हिस्सा बेल्जियम के यूरोक्लियर बैंक में रखा गया है।
ब्रिटेन, जापान, फ्रांस, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में भी रूसी संपत्तियां मौजूद हैं।
अब तक इन संपत्तियों से मिलने वाले ब्याज का इस्तेमाल करके यूक्रेन को 50 अरब डॉलर की सहायता दी गई है।
क्या रूस की संपत्तियां जब्त करना सही होगा?
हालांकि, सभी यूरोपीय देश इस विचार से सहमत नहीं हैं।
फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
इनका मानना है कि रूस की संपत्ति जब्त करने से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा।
यह कदम वैश्विक वित्तीय स्थिरता को भी खतरे में डाल सकता है।
रूस की चेतावनी
रूस पहले ही यह साफ कर चुका है कि अगर उसकी संपत्तियों को जब्त किया गया, तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी है कि रूस इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
रूस के पास भी पश्चिमी कंपनियों की संपत्तियों को जब्त करने का विकल्प है।
अभी भी रूस में 1,800 से अधिक पश्चिमी कंपनियां काम कर रही हैं, जिनकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।
यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए अन्य विकल्प
रूस की संपत्तियों से यूक्रेन की मदद करना राजनीतिक और कानूनी रूप से जटिल मामला है। इसलिए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अन्य वित्तीय उपायों पर भी विचार किया जा रहा है—
वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं एक ग्लोबल रिकंस्ट्रक्शन फंड बनाने की योजना बना रही हैं।
विभिन्न देशों और निजी कंपनियों से निवेश जुटाकर यूक्रेन के पुनर्निर्माण का प्रयास किया जाएगा।
यूरोपीय संघ और NATO देशों की वित्तीय सहायता भी यूक्रेन की मदद कर सकती है।
क्या रूस-यूक्रेन विवाद का यह अंत है?
युद्ध विराम के बावजूद रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बरकरार है।
रूस अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए पूरी कोशिश करेगा।
यूरोपीय देश इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं।
यूक्रेन के लिए 45 लाख करोड़ रुपये जुटाना एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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