Google ने अपने Gemini AI मॉडल्स को और एडवांस बनाते हुए Gemini Robotics और Gemini Robotics ER की घोषणा की है। इन नए AI मॉडल्स को इस तरह से विकसित किया गया है कि वे रोबोट्स को इंसानों की तरह सोचने, समझने और कार्य करने में सक्षम बना सकें।
Google ने अपने ब्लॉग में लिखा,
“AI को भौतिक दुनिया में उपयोगी और सहायक बनाने के लिए उसमें इंसानों जैसी ’embodied reasoning’ होनी चाहिए, जिससे वह कार्यों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से पूरा कर सके।”
Gemini Robotics: क्या है और यह कैसे काम करता है?
Google के मुताबिक, Gemini Robotics एक “vision-language-action (VLA) मॉडल” है, जिसे Gemini 2.0 के आधार पर विकसित किया गया है। यह भौतिक क्रियाओं (physical actions) को अंजाम देने में सक्षम है और रोबोट्स को सीधे नियंत्रित कर सकता है।
इस मॉडल में तीन मुख्य विशेषताएँ हैं:
✅ जनरलिटी (Generality) – यह नए वातावरण और परिस्थितियों के अनुकूल ढल सकता है।
✅ इंटरैक्टिविटी (Interactivity) – यह इंसानों और अपने आसपास के माहौल के साथ बातचीत कर सकता है।
✅ डेक्स्टेरिटी (Dexterity) – यह नाजुक कार्यों को भी बखूबी कर सकता है, जैसे कागज मोड़ना या बोतल का ढक्कन खोलना।
🧠 कैसे करता है काम?
🔹 इंसानी भाषा को समझकर तर्कसंगत फैसले लेता है।
🔹 अपने आसपास के वातावरण की निगरानी करता है और तुरंत प्रतिक्रिया देता है।
🔹 Gemini Robotics को ALOHA 2 (bi-arm robotic platform) पर प्रशिक्षित किया गया है, लेकिन यह Franka arms जैसे अन्य रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म्स को भी नियंत्रित कर सकता है।
Gemini Robotics ER: एक और बड़ा अपग्रेड!
Google ने Gemini Robotics के साथ-साथ Gemini Robotics ER को भी पेश किया है।
👉 यह मॉडल विशेष रूप से रोबोट्स की ‘स्थानिक तर्कशक्ति (spatial reasoning)’ को बेहतर बनाता है।
👉 इंजीनियर इसे आसानी से अपने मौजूदा रोबोटिक सिस्टम में इंटीग्रेट कर सकते हैं।
👉 3D डिटेक्शन और पॉइंटिंग (इशारा करने) की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
📌 कैसे करेगा मदद?
🔹 अगर इसे एक कॉफी मग दिखाया जाए, तो यह तुरंत समझेगा कि उसे हैंडल से पकड़ना है।
🔹 रोबोट को यह भी पता चलेगा कि मग तक सुरक्षित तरीके से कैसे पहुँचना है।
🔹 Gemini के कोडिंग स्किल्स और स्थानिक तर्क को मिलाकर यह और एडवांस बन गया है।
Gemini Robotics से कैसे बदलेगी दुनिया?
✅ घर, ऑफिस, अस्पताल और फैक्ट्री में रोबोट्स ज्यादा स्मार्ट होंगे।
✅ रोबोट्स पहले से ज्यादा सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगे।
✅ मशीनों और इंसानों के बीच बेहतर समन्वय होगा।
✅ जटिल और नाजुक कार्य भी रोबोट्स आसानी से कर सकेंगे।
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