बॉलीवुड में कई अनोखी प्रेम कहानियाँ हैं, जो किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं लगतीं। ऐसी ही एक खूबसूरत कहानी विशाल और रेखा भारद्वाज की भी है। म्यूजिक कंपोजर और फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज और सिंगर रेखा भारद्वाज की प्रेम कहानी उतनी चर्चित नहीं रही लेकिन यह किसी फिल्मी रोमांस से कम भी नहीं है।
हालांकि, दोनों की जिंदगी की राहें शुरू में बिल्कुल अलग थीं। जहां विशाल क्रिकेटर बनने का सपना देख रहे थे, वहीं रेखा अपनी सुरीली आवाज से लोगों का दिल जीतने में लगी हुई थीं। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
क्रिकेटर से संगीतकार बनने तक का सफर!
विशाल भारद्वाज उत्तर प्रदेश के स्टेट-लेवल क्रिकेटर थे। उस समय उन्हें म्यूजिक में कोई दिलचस्पी नहीं थी। दूसरी तरफ, रेखा दिल्ली में अपने संगीत के हुनर से लोगों का दिल जीत रही थीं। लेकिन फिर एक ऐसा मोड़ आया, जिसने विशाल की पूरी जिंदगी बदल दी।
क्रिकेट खेलते समय विशाल के हाथ के अंगूठे में गंभीर चोट लग गई, जिससे उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया, जहां पहले से रेखा भी पढ़ रही थीं और अपनी आवाज के लिए कॉलेज में मशहूर थीं।
1984: जब पहली बार मिले विशाल और रेखा
काफी समय तक दोनों की मुलाकात नहीं हुई थी, लेकिन फिर कॉलेज के एनुअल फंक्शन में पहली बार दोनों आमने-सामने आए। यह साल 1984 था, जब पहली बार दोनों ने एक-दूसरे को जाना।
धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती गई, लेकिन विशाल जहां रेखा से प्यार करने लगे थे, वहीं रेखा उन्हें सिर्फ अपना अच्छा दोस्त मानती थीं।
शायरी और कविताओं से जीता दिल!
रेखा को शायरी और कविताओं का बहुत शौक था। विशाल ने अपनी खूबसूरत शायरी और कविताओं के ज़रिए धीरे-धीरे रेखा का दिल जीत लिया। और फिर दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई।
साल 1991 में विशाल और रेखा ने शादी कर ली और इसके कुछ सालों बाद दोनों बॉलीवुड के सबसे चर्चित म्यूजिक कपल्स में शामिल हो गए।
संगीत में साथ, जीवन में साथ!
रेखा और विशाल का एक बेटा भी है, जो म्यूजिक इंडस्ट्री में ही काम कर रहा है। दोनों ने संगीत की दुनिया में कई सुपरहिट गाने दिए हैं, जिनमें शामिल हैं –
🎵 “नमक इश्क का”
🎵 “घाघरा”
🎵 “कबीरा”
🎵 “ससुराल गेंदा फूल”
🎵 “फिर ले आया दिल”
जब प्यार और संगीत ने लिखी एक अनोखी प्रेम कहानी!
विशाल और रेखा भारद्वाज की यह प्रेम कहानी इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि सच्चा प्यार किसी भी मोड़ पर मिल सकता है। जहां क्रिकेट छोड़ने का गम विशाल के लिए बड़ा था, वहीं संगीत ने उनकी जिंदगी में नया रंग भर दिया। और फिर संगीत ही वह धागा बना, जिसने विशाल और रेखा को हमेशा के लिए जोड़ दिया।
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