सर्दियों का मौसम न केवल ठंडक बल्कि अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। इस मौसम में बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के कारण इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे शरीर पर बैक्टीरिया और वायरस का हमला आसान हो जाता है। इसके अलावा, सूरज की रोशनी कम मिलने से विटामिन डी की कमी हो सकती है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है।
सर्दियों में इन लक्षणों को हल्के में न लें
अगर आपको ठंड लगना, बुखार, शरीर में दर्द, थकान या सांस संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में निम्नलिखित बीमारियों का खतरा अधिक होता है:
न्यूमोनिया
रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV)
अस्थमा
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
डॉक्टरों के अनुसार, सर्दियों में सांस की बीमारियां उन लोगों को अधिक प्रभावित करती हैं जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इनमें मुख्यतः बुजुर्ग और छोटे बच्चे शामिल हैं। ऐसे में इनकी सेहत का खास ध्यान रखना जरूरी है।
सावधानियां:
सुबह और शाम ठंड में बाहर जाने से बचें।
शरीर और सिर को गर्म कपड़ों से ढककर रखें।
ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में मास्क पहनें।
खानपान पर ध्यान दें। फास्ट फूड से परहेज करें।
शरीर को हाइड्रेट रखें।
बाहर एक्सरसाइज करने के बजाय घर में वर्कआउट करें।
इन लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें
सर्दियों में कई बार बीमारियां गंभीर रूप ले सकती हैं। डॉक्टर बताते हैं कि लंग्स में इंफेक्शन के कारण ये लक्षण हो सकते हैं:
तेज बुखार
सीने में दर्द
सांस लेने में कठिनाई
लगातार खांसी
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति घातक हो सकती है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज कराएं।
सर्दियों में स्वस्थ रहने का मंत्र
सर्दियों में सेहत का ध्यान रखना न केवल आवश्यक है बल्कि जीवन रक्षक भी हो सकता है। सही खानपान, नियमित स्वास्थ्य जांच और डॉक्टरों की सलाह को मानकर आप खुद और अपने प्रियजनों को स्वस्थ रख सकते हैं।
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