आयुर्वेद में सदियों से तेल से कुल्ला करने यानी ऑयल पुलिंग को मुंह की स्वच्छता और समग्र स्वास्थ्य के लिए एक कारगर उपाय माना जाता रहा है। आधुनिक विज्ञान भी अब इसके कई फायदों की पुष्टि कर रहा है।
तेल से कुल्ला करने के प्रमुख लाभ
- दांतों और मसूड़ों की सेहत:
- प्लाक और बैक्टीरिया को कम करता है: तेल से कुल्ला करने से मुंह में प्लाक और बैक्टीरिया कम होते हैं, जिससे दांतों का क्षय और मसूड़ों की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- मुंह की बदबू दूर करता है: मुंह में बैक्टीरिया ही मुंह की बदबू का मुख्य कारण होते हैं। तेल से कुल्ला करने से मुंह की बदबू दूर होती है।
- पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है:
- आंतों को साफ करता है: तेल से कुल्ला करने से आंतों में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे पाचन बेहतर होता है।
- त्वचा को स्वस्थ बनाता है:
- त्वचा की समस्याओं को कम करता है: तेल से कुल्ला करने से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे मुहांसे, दाग-धब्बे कम हो सकते हैं।
- शरीर को डिटॉक्स करता है:
- विषाक्त पदार्थों को निकालता है: तेल से कुल्ला करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
- सिरदर्द और माइग्रेन में राहत:
- तनाव कम करता है: तेल से कुल्ला करने से तनाव कम होता है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन में राहत मिल सकती है।
किस तरह का तेल इस्तेमाल करें?
आप नारियल का तेल, तिल का तेल या सरसों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें से नारियल का तेल सबसे लोकप्रिय है।
तेल से कुल्ला करने का तरीका
- सुबह उठकर खाली पेट एक चम्मच तेल मुंह में लेकर 15-20 मिनट तक कुल्ला करें।
- कुल्ले के दौरान तेल को दांतों और मसूड़ों के बीच से गुजारें।
- कुल्ला करने के बाद तेल को थूक दें और मुंह को गुनगुने पानी से धो लें।
सावधानियां
- तेल को निगलें नहीं।
- अगर आपको कोई दंत चिकित्सा समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें।
- बच्चों को तेल से कुल्ला करने की अनुमति न दें।
निष्कर्ष: तेल से कुल्ला करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। यह एक प्राकृतिक और किफायती तरीका है जिससे आप अपनी मुंह की सेहत और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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