कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार छत्रपति शिवाजी की विरासत को नष्ट करने में लगी हुई है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जो लोग महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और मिलीजुली संस्कृति को अस्वीकार कर रहे हैं, उन्हें अगले महीने सज़ा मिलने जा रही है।
महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महाराष्ट्र की महायुति सरकार और नई दिल्ली में बैठे इसके संरक्षक, भारत के सबसे महान सपूतों में से एक की विरासत को नष्ट करने में लगे हैं। सात साल पहले प्रधानमंत्री ने मुंबई के पास अरब सागर में शिवाजी महाराज की 696 फुट ऊंची प्रतिमा की आधारशिला रखी थी। उसके बाद से उनकी सरकार ने इसे चुपचाप छोड़ दिया। जुमलेबाज़ों ने शिवाजी महाराज को ही जुमला देने की गुस्ताख़ी की है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना प्रधानमंत्री मोदी से करके उनका अपमान किया है।
रमेश ने कहा, ‘‘4 जून को अपनी करारी हार के बाद महाराष्ट्र के लोगों का अपमान करने के लिए एक घटिया हरकत करते हुए उन्होंने संसद भवन के बाहर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को प्रमुख स्थान से हटा दिया। महायुति ने छत्रपति को अपनी जबरन वसूली और लूट की नीति से नहीं बख्शा। सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा इतनी घटिया तरीक़े से बनाई गई थी कि प्रधानमंत्री द्वारा इसके उद्घाटन के एक साल के भीतर ही यह ढह गई।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और मिलीजुली संस्कृति को अस्वीकार कर रहे हैं, उन्हें अगले महीने सज़ा मिलने जा रही है।
महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा तथा मतगणना 23 नवंबर को होगी।
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