भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में न्याय मांग रहे चिकित्सकों तथा मीडिया के एक वर्ग पर कार्रवाई कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत सरकार का एकमात्र एजेंडा ‘‘सच को चुप करना, बलात्कारियों को बचाना और किसी भी कीमत पर सबूत नष्ट करना’’ है। उन्होंने कहा कि यह दोषियों को बचाने की ‘‘सबसे भयावह एवं संस्थागत लीपापोती’’ है।
पूनावाला ने पत्रकारों से कहा कि न्याय के लिए आवाज उठाने पर 43 चिकित्सकों का तबादला कर दिया गया, जिनमें से कुछ का तबादला दूरदराज के इलाकों में किया गया है जबकि पुलिस ने नागरिकों और पत्रकारों को न्याय के उनके धर्मयुद्ध के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मामले में न्याय की मांग करते हुए एक प्रदर्शन की अगुवाई करने पर बनर्जी पर निशाना साधते हुए पूनावाला ने पूछा कि जब वह गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों की प्रभारी हैं तो वह किस बात का विरोध कर रही हैं।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस की प्राथमिकता आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पर हमला करने वाले हजारों उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि न्याय के लिए आवाज उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है। उन्होंने दावा किया कि कुछ पत्रकारों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करना पड़ा।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस एक सत्तावादी और तालिबानी मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती आई है।’’ उन्होंने कहा कि बड़े से बड़े तानाशाह इस मामले में बनर्जी की कार्रवाई के लिए उनकी प्रशंसा करेंगे।
पूनावाला ने कहा कि तृणमूल प्रवक्ता शांतनु सेन को यह कहने के लिए उनके पद से हटा दिया गया कि कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ कई शिकायतें थीं जिन्हें इस्तीफा देने के उनके फैसले के बाद सरकार ने तुंरत किसी और पद पर नियुक्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि देशभर में आक्रोश है और हर कोई न्याय मांग रहा है लेकिन सरकार की प्राथमिकता अपराधियों को बचाना है। पूनावाला ने घटना पर ‘‘चुप्पी’’ के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों पर भी निशाना साधा।
पिछले सप्ताह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी और वहां तोड़फोड़ भी की गई थी। इससे पूरे देश में उबाल है और लगभग सभी राज्यों में चिकित्सक न्याय दिए जाने तथा सुरक्षा से जुड़ी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं।
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