हर आपदा से पहले ‘टैक्स का अवसर’ तलाशना सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण : राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि हर आपदा से पहले ‘टैक्स का अवसर’ तलाशना भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण है। इंडिया गठबंधन इस अवसरवादी सोच का विरोध करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी मुक्त करना ही होगा। हेल्थ इंश्योरेंस से जीएसटी वापस लेने की मांग को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मंगलवार को संसद के मकर द्वार पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी (आप) समेत कई दल शामिल हुए। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने हाथ में तख्ती लेते हुए ‘हेल्थ इंश्योरेंस से जीएसटी वापस लो’ के नारे भी लगाए।

राहुल गांधी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जीवन में आने वाले ‘स्वास्थ्य संकट’ में किसी के आगे झुकना ना पड़े, इसलिए पाई-पाई जोड़ कर हर साल हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने वाले करोड़ों आम हिंदुस्तानियों से भी मोदी सरकार ने 24 हज़ार करोड़ रुपये वसूल लिए। हर आपदा से पहले ‘टैक्स का अवसर’ तलाशना भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण है। इंडिया गठबंधन इस अवसरवादी सोच का विरोध करता है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी मुक्त करना ही होगा।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”आज संसद के प्रांगण में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी तुरंत हटाए जाने की मांग की क्योंकि ये यह जबरदस्ती उगाही हमारी जनता, खासकर मध्यम वर्ग पर कड़ा प्रहार है। मध्यम वर्ग पहले से ही मोदी सरकार की टैक्स वसूली नीतियों के बोझ तले जूझ रहा है। 2024 में भारत का चिकित्सा महंगाई दर एशिया में सबसे अधिक 14% पर है। ऊपर से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर ये “गब्बर सिंह टैक्स” -अमानवीय है, और भाजपा की “आपदा में अवसर” से लूट की नीति का एक और निंदनीय उदाहरण है।”

कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से लिखा, ”मोदी सरकार ने अपने ‘वसूली बजट’ में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सेवाओं पर जीएसटी बढ़ा दिया है। इससे जनता को इन सुविधाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। मोदी सरकार की इस वसूली के खिलाफ इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया।” इससे पहले केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इससे बीमा कंपनियों पर आर्थिक बोझ कम होगा। लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले अप्रत्यक्ष कर जीवन की अनिश्चितता पर लगने वाले कर के समान हैं। अभी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी के आसपास कर लगाया जाता है।

यह भी पढ़े :-

अंकुरित मूंगदाल: कैसे यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है जाने