मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने आज कहा कि राज्य में अनेक क्षेत्रों में उद्योग स्थापना का कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा और टेक्सटाइल, रक्षा संस्थान के लिए टैंक निर्माण, फार्मा क्षेत्र और पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग प्रारंभ किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने यहां सुभाष चंद्र बोस कल्चरल एंड इनफॉरमेशन सेंटर में आयोजित ‘रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव’ में उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। कॉन्क्लेव में देश-विदेश के अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए। राज्य में वर्ष 2024 की आज दूसरी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई। इसमें पांच देशों और अन्य राज्यों से बड़े उद्योगपति शामिल हुए। गत मार्च माह में उज्जैन में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र में अति आधुनिक स्किल सेंटर की शुरूआत की जायेगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों के भूमिपूजन, इस तरह कुल 67 इकाईयों की शुरूआत के लिये भूमि पूजन किया। इसमें कुल 1500 करोड़ रुपए का निवेश होगा। लगभग साढ़े चार हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाईयों को आशय पत्र सौंपे गये जिससे करीब 12 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय पत्र सौंपे गये।
कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 600 करोड़ के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच करारनामा हुआ। डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में रक्षा संस्थान के लिए अब तक तोप निर्माण का कार्य होता रहा है। अब यहां सेना के लिए टैंक भी बनाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छ: हजार करोड़ का निवेश किया गया। जिसका लाभ 20 हजार लोगों को रोजगार देने के रूप में मिला है। आज 67 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण और भूमिपूजन एक महत्वपूर्ण समेकित प्रयास है।
उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव में अनेक विभागों ने उद्योग हितैषी नीतियों की जानकारी दी है। खनिज के क्षेत्र में उड़ीसा के बाद मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है। खदानों की निलामी में मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया देश में अग्रणी मानी गई है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किया गया। प्रदेश में हीरा उत्पादन तो होता है, अब हीरों को तराशने का कार्य भी किया जायेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया में अलग पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 150 प्रतिशत प्रोत्साहन के लिये हम तैयार हैं। प्रदेश में उद्योगों को पानी और बिजली की आपूर्ति पर विशेष राहत प्रदान की गई है। दो मेगा फूड पार्क आ रहे हैं। पहले से आठ फूड पार्क संचालित है। उन्होंने वोल्वो आयशर के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में रिसर्च सेंटर भी प्रारंभ करें।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रारंभ में उद्योगों के विकास से संबंधित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर प्रदर्शित चित्रों का अवलोकन किया। जबलपुर हाट के अंतर्गत विभिन्न लघु उद्योग इकाइयों और व्यवसायियों द्वारा उत्पाद सामग्री का विवरण प्रदर्शनी में दिया गया।
उपस्थित अतिथियों में अडानी पावर, नेटलिंक, वैद्यनाथ ग्रुप, दावत फूड्स, वोल्वो आयशर, ए वी एन एल, एन सी एल, स्वराज शूटिंग ,लोहिया एनर्जी, आदिशक्ति राइस मिल, फिनिक्स पोल्ट्री, इनफोविजन दुबई और दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स (डिकी) सहित अनेक उद्योग संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।
जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में चार हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। निवेश के लिए उद्यमियों से वन टू वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में 5 सेक्टर्स पर फोकस किया गया, ये हैं एग्रो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स उद्योग।
इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश आईटी, आईटीईएस एंड ईएसडीएम इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन पॉलिसी 2023 की प्रक्रिया का निर्धारण करने वाली गाइडलाइन का विमोचन भी किया। उद्योगपतियों के साथ अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी कॉन्क्लेव में आये।
कॉन्क्लेव ने 700 से अधिक खरीदार-विक्रेता बैठकों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिससे व्यवसायों और संभावित निवेशकों के बीच सीधी बातचीत की सुविधा मिली। मुख्यमंत्री और प्रमुख उद्योगपतियों के बीच लगभग 30 वन-टू-वन बैठकें हुईं। इसके अलावा प्रदेश की 265 इकाइयों को 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय पत्र जारी किए गए थे।
राज्य सरकार ने जबलपुर स्मार्ट सिटी पहल के तहत स्टार्टअप्स को धन के आवंटन और वितरण की आज घोषणा की।
यह भी पढ़े :-
करोड़ों की सैलरी के साथ भी स्ट्रगल कर रही हैं बॉलीवुड की बेबो करीना कपूर