एडटेक बायजू को एक और झटका लगा है। इस स्टार्टअप के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन के भाई रिजू रवींद्रन को अमेरिकी कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने उनकी अमेरिकी सहायक कंपनी बायजू अल्फा को उसके टर्म लोन के हिस्से के रूप में मिले 533 मिलियन डॉलर का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया।
रवींद्रन बताएं पैसा कहां छिपाया:
रवींद्रन को अपने कार्यों के लिए कोर्ट द्वारा लगाए गए फाइनेंशियल पेनाल्टी का सामना करना पड़ेगा। इसका निर्धारण बाद की सुनवाई में होगा। कंपनी को कर्ज देने वाले विदेशी ऋणदाताओं ने कहा, “कोर्ट ने रवींद्रन की गवाही में विश्वसनीयता का अभाव पाया है। या तो वह जानते हैं कि पैसा कहां छिपाया जा रहा है। उन्होंने जगह का पता लगाने की कोशिश नहीं की।” ऋण्दाताओं ने कहा, वे चोरी हुई धनराशि की वसूली के लिए सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई करना जारी रखेंगे।
बायजू अल्फा के निदेशक रहे रिजू रवींद्रन टर्म लोन लेने के लिए 2021 में स्थापित किया था। पिछले साल ऋणदाताओं द्वारा अमेरिकी यूनिट के एकमात्र निदेशक के रूप में रिजू रवींद्रन को हटा दिया गया था। इसे कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी थी।
टाइम लाइन
मई 2023 में लेंडर्स ने बायजू अल्फा पर 533 मिलियन डॉलर को छिपाने का आरोप लगाया। सितंबर 2023 में लेंडर्स ने दावा किया कि बायजू इस रकम को ऑब्सक्योर हेज फंड कैमसॉफट कैपिटल में छिपाया है। इसके बाद नवंबर 2023 में अमेरिकी अदालत ने रिजु को बायूज अल्फा के डायरेक्टर पद से हटाने की मंजूरी दी। मार्च 2024 में यूएस कोर्ट ने कैमसॉफट कैपिटल के फाउंडर विलियम मॉर्टन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। मई 2024 में कोर्ट ने रिजू को अवमानना का दोषी पाया।
बायजू ने नहीं दिया कोई बयान:
इस साल की शुरुआत में, बायजू ने दावा किया था कि विवादित 533 मिलियन डॉलर कंपनी की एक नॉन-यूएस सब्सिडियरी कंपनी के पास रखे गए हैं, लेकिन उन्होंने कोई डिटेल नहीं दिया। बायजू ने इस नए डेवलपमेंट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, कंपनी के करीबी सूत्रों ने कहा कि अवमानना आदेश का बायजू या उसके हितधारकों के लिए कोई कानूनी महत्व या व्यावहारिक प्रभाव नहीं है। कंपनी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि भारतीय नागरिक रवींद्रन पर कोर्ट का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।