अर्थशास्त्री लॉरेंस वोंग ने सिंगापुर के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. 51 साल के वोंग 72 साल के ली सीन लूंग की जगह लेंगे. 20 साल तक सत्ता में रहने के बाद ली सीन लूंग ने अपना पद छोड़ दिया है और उप प्रधान मंत्री व वित्त मंत्री रहे लॉरेंस वोंग को सत्ता सौंपी है. वोंग सरकार से भी अब उम्मीद की जा रही हैं कि वह कारोबार हितैषी नीतियां जारी रखेंगे, जिनकी वजह से सिंगापुर एशिया का फाईनैंशियल सेंटर बना और कारोबारी केंद्र के रूप में उभरा है, जिससे भारत सहित एशिया में निवेश आया है.
बता दें कि सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा आठवां व्यापार साझेदार है. अब नए पीएम के आने पर भारत के साथ कैसे संबंध रहेंगे इस पर सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का कहना है कि भारत के साथ सिंगापुर के संबंध नए प्रधानमंत्री वोंग के नेतृत्व में फलते-फूलते रहेंगे. एसआईसीसीआई के अध्यक्ष नील पारेख ने कहा कि हमें विश्वास है कि लॉरेंस वोंग के नेतृत्व में सिंगापुर और भारत के बीच के संबंध आगे बढ़ते रहेंगे.
जानें आखिर क्या है वजह
18 दिसंबर 1972 को जन्मे वोंग एक सामान्य परिवार से आते हैं. वोंग ने विस्कॉन्सिन मैडिसन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. उन्हें संगीत का भी शौक है. वह अमेरिका भी गए थे. उन्होंने हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. सिंगापुर की नौकरशाही में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद वोंग ने 2011 में राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने पीपुल्स एक्शन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. वोंग को सिंगापुर के केंद्रीय बैंक में भी निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्होंने संस्कृति, राष्ट्रीय विकास और शिक्षा विभाग संभाला. 2021 में वह वित्त मंत्री बने और एक साल बाद उप प्रधान मंत्री और ली के उत्तराधिकारी नियुक्त किए गए. वह 2023 से केंद्रीय बैंक बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं.