अमेठी जिले के जामो थाना क्षेत्र में एक गांव की दलित महिला ने वहां के थाना प्रभारी सहित कुछ सिपाहियों पर उसके साथ अभद्रता करने, उसके एवं उसकी बेटी के साथ मारपीट करने, मोबाइल फोन छीनने और दुष्कर्म की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच एक पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) को सौंपी है।
अमेठी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनूप कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला ने उन्हें शिकायती पत्र दिया है तथा उसकी शिकायतों को बहुत ही गंभीरता से लिया गया है और पूरे मामले की जांच गौरीगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) मयंक द्विवेदी को सौंपी गयी है। एसपी ने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक को दिये शिकायती पत्र में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके गांव के एक व्यक्ति के घर पर जामो थाना के प्रभारी निरीक्षक एवं कुछ अन्य सिपाहियों ने मांसाहारी भोजन करने एवं शराब पीने के बाद चार मार्च को रात करीब 11 बजे जबरन उसके घर में घुस गए और उसके साथ अभद्रता की।
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसकी बेटी के साथ मारपीट, गाली-गलौज करने के साथ ही मोबाइल फोन छीन लिए, कपड़े फाड़ डाले और उसके साथ अश्लील हरकत की और बलात्कार करने कोशिश की।हाथ में दरोगा की टोपी लिए पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची महिला ने कहा कि जब उसने मदद की गुहार लगाई तो गांव के लोग दौड़े और दरोगा जी अपनी टोपी छोड़कर भाग निकले, जिससे उसकी और उसकी बेटी की जान बच पाई। महिला का कहना था कि समय उसके पति घर पर नहीं थे।