डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर इंटरनेशनल डिप्लोमेसी को झटका देते हुए कनाडा में चल रही G7 समिट से तय समय से पहले रवाना हो गए.
प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में हो रही इस अहम बैठक को अधूरा छोड़ने की वजह बनी मिडल ईस्ट में तेजी से बिगड़ती स्थिति और वॉशिंगटन पर सीधा नियंत्रण रखने की ज़रूरत.
समिट छोड़ते वक्त ट्रंप ने सिर्फ चुपचाप विदा नहीं ली, बल्कि तेहरान के नागरिकों को राजधानी खाली करने की सलाह भी दे डाली.
साथ ही सोशल मीडिया पर संकेत दे दिया कि अमेरिका सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है, अगर हालात नहीं सुधरे तो.
🕊️ शांति की अपील से किनारा, साझा बयान से इंकार!
G7 देशों की कोशिश थी कि सभी मिलकर युद्धविराम की अपील वाला एक साझा बयान जारी करें.
लेकिन ट्रंप ने इससे साफ दूरी बना ली.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ट्रंप भले कूटनीतिक हल की बात कर रहे हैं, लेकिन उनकी भाषा और रवैये में तल्खी साफ नजर आ रही है.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जो पहली बार ट्रंप से आमने-सामने बातचीत करने वाले थे – AUKUS डील और व्यापार जैसे मुद्दों पर, उन्हें सबसे बड़ा झटका लगा.
📜 2018 में भी छोड़ी थी समिट अधूरी
ये पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने G7 समिट को बीच में छोड़ा हो.
2018 में क्यूबेक में हो रही बैठक भी उन्होंने अधूरी छोड़ दी थी और सिंगापुर रवाना हो गए थे, जहां उन्हें किम जोंग उन से ऐतिहासिक मुलाकात करनी थी.
तब भी उन्होंने साझा बयान पर साइन करने से इनकार किया था और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को “बेईमान और कमजोर” तक कह दिया था.
🇺🇸 ‘अमेरिका फर्स्ट’ के आगे सब सेकेंडरी
डोनाल्ड ट्रंप की नीति हमेशा से साफ रही है – “America First”.
चाहे वो क्लाइमेट समिट हो, ट्रेड डील्स या G7 जैसा ग्लोबल मंच –
अगर उन्हें लगता है कि घरेलू हालात ज्यादा जरूरी हैं, तो वह अंतरराष्ट्रीय बैठकों को दूसरी प्राथमिकता देते हैं.
इस बार भी उन्होंने यही किया – मिडल ईस्ट की टेंशन और वॉशिंगटन की रणनीति को प्राथमिकता दी, और समिट छोड़ दी.
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