जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए, डाइट में शामिल करें ये फूड्स

बढ़ती उम्र में जोड़ों में दर्द होना बहुत ही आम बात है लेकिन कई बार यह इतना अधिक बढ़ जाता है कि लोगो को समस्या हो जाती है। पहले इस समस्या से केवल बुजुर्ग ही होते थे आज कल कई युवा लोग भी दर्द से जुझते हैं। खाने-पीने में पोषक तत्वों की कमी, गड़बड़ लाइफस्टाइल, मोटापा और एक्सरसाइज न करने के कारण यह दर्द हो सकता है। इससे बचने के लिए सभी कई तरह की दवाईयों का उपयोग करते हैं. लेकिन अधिक दवाईयां भी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में दर्द दूर करने के लिए आप डाइट में कुछ फूड्स शामिल कर सकते हैं। तो आइये जानते है इन बारे में विस्तार से।

पत्तेदार सब्जियों का सेवन:-

जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं। इनमें कैल्शियम, विटामिन-के और मैग्नीशियम जैसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में हेल्प करते हैं। इसके अलावा यह जोड़ों में सूजन वाले एंजाइम को बनने से भी रोकती हैं जिससे जोड़ों में सूजन कम होती है। पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी, केले का उपयोग आप कर सकते हैं।

बादाम का उपयोग :-

चिया सीड्स, बादाम और अलसी के बीजों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है यह पोषक तत्व हमारी हड्डियों को फैट देते हैं और उन्हें स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। अलसी के बीज, चिया सीड्स, बादाम खाने से आपको दर्द से बहुत आराम मिलता है।

कैल्शियम से भरपूर फूड्स का उपयोग :-

दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप कैल्शियम से भरपूर फूड्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह हड्डियों के निर्माण में हेल्प करने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूती भी देते हैं। दूध, दही, पनीर जैसी चीजों को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। साबुत अनाज भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है इसका उपयोग करने से शरीर में फैटी एसिड का उत्पादन कम होता है जिससे सूजन से लड़ने में हेल्प मिलती है। ब्राउन राइस, क्विनोआ, साबुत गेहूं का उपयोग आप कर सकते हैं।

मछली का उपयोग :-

मछली और मछली के तेल में विटामिन-डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है जो आंतों में कैल्शियम अब्जॉर्ब करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे हड्डिया मजबूत होती है। मछली के तेल में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो सूजन दूर करने में सहायता करते हैं। यह हड्डियों को होने वाले नुकसान और फ्रैक्चर का जोखिम कम करके इन्हें स्वस्थ बनाने में सहायता करते हैं।

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