राष्ट्रपति ने ई विधान एप्लीकेशन का उद्घाटन किया; पारदर्शिता की उम्मीद जतायी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कागजरहित कामकाज को बढ़ावा देने के लिए गुजरात विधानसभा की राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए) परियोजना का उद्घाटन किया और उम्मीद जताई कि इस परियोजना से विधानसभा के कामकाज में पारदर्शिता आएगी।उन्होंने कहा कि आज जब महिलाएं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा, खेल सहित हर एक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, ऐसे में राजनीति में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए। राष्ट्रपति ने बुधवार को शुरू हुए गुजरात विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र के दौरान विधायकों को भी संबोधित किया।

 

मुर्मू ने कहा कि आज ई विधानसभा का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है तथा राष्ट्रीय ई विधान एप्लीकेशन के जरिये यह विधान सभा एक डिजिटल सदन में बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस एप्लीकेशन के जरिये इस सदन के सदस्य, देश की संसद और अन्य विधान सभाओं और विधान परिषदों के सर्वश्रेष्ठ चलन को देख सकते हैं।राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि “एक राष्ट्र, एक एप्लीकेशन” के लक्ष्य से प्रेरित यह कदम गुजरात विधान सभा के काम-काज में और अधिक गति एवं पारदर्शिता लाएगा।” उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति में उसके मानव संसाधन की अहम भूमिका होती है।

 

मुर्मू ने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए जनता को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि गुजरात सरकार ने इन विषयों पर भरपूर ध्यान दिया है।”राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक बात की ओर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ, वह इस सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। आज जब महिलाएं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा या खेल सहित हर एक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, ऐसे में राजनीति में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने वैश्विक जैव ईधन गठबंधन बनाने की घोषणा की है जिसमें अमेरिका और ब्राजील समेत 19 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं।

 

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद यह भारत के नेतृत्व में उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है। गुजरात जैसे नवाचार और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देने वाले राज्य के लिए यह एक अच्छा अवसर है।” उन्होंने उम्मीद जतायी कि सदस्य संसदीय मर्यादाओं और गरिमा को निभाते हुए इस सदन में जन-कल्याण के विमर्श के नए मानदंड स्थापित करेंगे। मुर्मू ने कहा, ‘‘आपका यह प्रयास न सिर्फ गुजरात को और अधिक संपन्न राज्य बनाने में, बल्कि भारत को भी वर्ष 2047 तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में अहम होगा।”

 

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