कांग्रेस के किले में सेंधमारी के लिए भाजपा ने सोनिया के करीबी को दिया रायबरेली से टिकट

बीजेपी ने कांग्रेस के किले में सेंधमारी के लिए सोनिया के करीबी दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतार कर कांग्रेस के गढ़ में कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है। रायबरेली सीट से टिकट मिलने के बाद दिनेश प्रताप सिंह भावुक होकर रोने लगे।  मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मेरे लिए गर्व और गौरव का क्षण है कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार इस तरह से भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन पार्टी के इस भरोसे को खोने नहीं दूंगा।

लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई दिन-ब-दिन दिलचस्प होती जा रही है. यूपी की लगभग सभी सीटों पर एनडीए गठबंधन को इंडिया गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के अभेद्य किले को भेदने के लिए अपनी चाल चल दी है. बीजेपी ने रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है।3 अक्टूबर 1967 को जन्मे दिनेश प्रताप सिंह योगी सरकार में मंत्री है। दिनेश प्रताप ने 2018 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। उससे पहले दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस में थे। एक समय में दिनेश प्रताप कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद करीबियों में से एक थे। पंचवटी का कांग्रेस में खूब दबदबा रहा है।

दरअसल रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. 2014 और 2019 में मोदी लहर के बाद भी बीजेपी इस अभेद्य किले को भेद नहीं पाई. बीजेपी 2019 में हारी हुई सभी सीटों के लिए अलग रणनीति तैयार कर रही थी. इसी वजह से बीजेपी ने आखिरी वक्त में उम्मीदवार का ऐलान किया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी भी अपने गढ़ रायबरेली सीट से कोई उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. माना जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी वक्त उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि प्रियंका गांधी रायबरेली सीट से उम्मीदवार नहीं होंगी।

आपको बता दे की दिनेश प्रताप सिंह 2010 और 2016 में कांग्रेस से एमएलसी रह चुके हैं। लेकिन 2018 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए थे। 2019 में बीजेपी के टिकट पर दिनेश प्रताप ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए थे। इसके बाद 2022 में बीजेपी से एमएलसी बने और उन्हें योगी सरकार में जगह मिल गई। दिनेश के भाई राकेश प्रताप भी सक्रिय राजनीति में है। उनके परिवार के लोग ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, एमएलसी और विधायक रहे हैं।

इधर दिनेश प्रताप सिंह को कैंडिडेट घोषित करके बीजेपी ने कांग्रेस को गढ़ में कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है। वहीं रायबरेली सीट से टिकट मिलने के बाद दिनेश प्रताप सिंह भावुक होकर रोने लगे। योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मेरे लिए गर्व और गौरव का क्षण है कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार इस तरह से भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन पार्टी के इस भरोसे को खोने नहीं दूंगा।

बता दे की दिनेश प्रताप सिंह 2019 लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन उस चुनाव में दिनेश प्रताप को करारा झटका लगा था। इस बार सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ रही है। ऐसे में दिनेश कांग्रेस उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

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