जानिए,जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़े तो तुरंत करें ये काम, बच सकती है जान

हाई बीपी, धूम्रपान और हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी कई ऐसे कारण है जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ता है. जैसा कि आपको पता है धूम्रपान करने से दिल की आर्टरी और नसों को भारी नुकसान पहुंचता है. इन सब के अलावा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की धमनियों में कई तरह की दिक्कत पैदा होती है. इन सब के अलावा ऐसे कई कारण होते हैं जिसमें दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है. सबसे चिंता की बात यह है कि यह सब ऐसे लक्षण होते हैं जो एकदम दिखाई नहीं देते हैं लेकिन अचानक से गंभीर रूप ले लेते हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप सतर्क रहें क्योंकि यह मामूली कारण कब गंभीर रूप लेकर आपके हार्ट अटैक का कारण बन जाए. यह शायद आपको कभी पता न चले.

दिल का दौरा पड़ने पर शरीर में दिखाई दे सकते हैं ये लक्षण

दिल का दौरा तब होता है जब दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से में ब्लड पहुंचना बंद हो जाता है. आमतौर पर ब्लड के थक्के जमने लगते हैं. अलग-अलग व्यक्ति पर इसके अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

दर्द जो छाती के बीच में दबाव, जकड़न, निचोड़ने या भारीपन जैसा महसूस हो सकता है.

दर्द या असुविधा जो बाहों (आमतौर पर बाएं हाथ), गर्दन, जबड़े, कंधे के ब्लेड, पीठ या यहां तक कि पेट तक फैलती है.

सांस लेने में कठिनाई, सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस लेना.

अत्यधिक पसीना आना, अक्सर ठंडी और चिपचिपी त्वचा के साथ

बेहोशी, चक्कर आना या चक्कर आना महसूस होना

काफी ज्यादा थकान होना

दिल का दौरा और सीवीडी से मरने वाले लोगों के आंकड़े चौंकाने वाले

सबसे जरूरी बात यह है कि दिल की बीमारी (सीवीडी) दुनियाभर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक साल 2019 में सीवीडी से मरने वालों की संख्या 1.79 करोड़ लोगों के पास थी. जिनमें से 85 प्रतिशत दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुए थे. ‘अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी’ के जर्नल के मुताबिक भारत में सीवीडी से होने वाली मौतों की संख्या 1990 में 22.6 लाख से बढ़कर 2020 में 47.7 लाख हो गई है.

जब आपको या आपके आस-पास किसी को दिल का दौरा पड़ रहा हो तो यह काम तुरंत करें

नड़ी चेक करें

यदि आप देखते हैं कि आपके आस-पास कोई व्यक्ति सांस लेने के लिए हांफ रहा है, तो सबसे पहले आपको जो करने की ज़रूरत है वह नाड़ी की जांच करना है. नाड़ी की जांच करने का एक तरीका यह है कि व्यक्ति की कलाई या गर्दन पर दो उंगलियां रखें और एक मजबूत और स्थिर धड़कन महसूस करें. अपना कान व्यक्ति की छाती पर रखकर दिल की धड़कन की जांच करें. यदि आप नाड़ी नहीं ढूंढ पा रहे हैं या व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू करना आवश्यक है.

यदि आपको नाड़ी नहीं मिल रही है तो तुरंत सीपीआर शुरू करें

जब व्यक्ति सांस नहीं ले रहा हो या केवल हांफ रहा हो तो तुरंत सीपीआर शुरू करना महत्वपूर्ण है. सीपीआर हृदय और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और रक्त पंप करने के लिए बचाव करके सांस और छाती को दबाने का उपयोग करता है.

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