इमरान का ‘नया पाकिस्तान’ का नारा वोट प्राप्त करने का हथकंडा : खट्टक

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सांसद (पीटीआई-पी) के प्रमुख परवेज खट्टक ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान पर तंज कसते हुए कहा कि उनका ‘नया पाकिस्तान’ का राजनीतिक नारा वोट प्राप्त करने का हथकंडा है।श्री खट्टक पीटीआई-पी के ऐसे कुछ नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के एक मामले में श्री खान की गिरफ्तारी के बाद 09 मई को भड़के दंगों के बाद पीटीआई से नाता तोड़ लिया और एक नया गुट बना लिया।

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के मलकंद जिले में पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “इमरान खान का नया पाकिस्तान का नारा नौटंकी के अलावा कुछ नहीं है। मैंने देश की व्यवस्था को बदलने के लिए इमरान खान का समर्थन किया लेकिन उनके सभी नारे झूठे निकले।”

श्री खट्टक ने आगे कहा कि श्री खान अपने सभी राजनीतिक विरोधियों और प्रतिद्वंद्वी दलों से नफरत करते हैं। उन्होंने कहा कि पीटीआई अध्यक्ष एक तानाशाह हैं और वह देश में राष्ट्रपति प्रणाली लागू करना चाहते हैं। उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की आलोचना करते हुए कहा कि उनके राजनीतिक आंदोलन का उद्देशय केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि देश का राजनीतिक नेतृत्व देश के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करता है और देश में किसी भी राजनीतिक दल ने अपने चुनावी घोषणापत्र को लागू नहीं किया है। उन्होंने जोर दिया कि उनकी नवगठित पार्टी देश की जनता को उनके दरवाजे पर न्याय दिलाने की मांग कर रही है।पीटीआई-पी अध्यक्ष ने उन्होंने राजनीतिक नेताओं के दोहरे चेहरों को बेनकाब करने के लिए नयी पार्टी का गठन किया है।

पिछले महीने एक सार्वजनिक रैली में श्री खट्टक ने कहा था कि राजनीतिक नेता पिछले 75 वर्षों से ‘रोटी, कपड़ा और मकान और नया पाकिस्तान’ के नाम पर हमें मूर्ख बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अपनी बयानबाजी ने हमेशा सीधे-सादे लोगों को धोखा दियाहै। जनता को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से पूछना चाहिए कि वे उन लोगों के नाम का खुलासा करें जिन्होंने देश को वर्तमान स्थिति में धकेल दिया।

उन्होंने कहा कि उन नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में बेरोजगारी, अराजकता और खराब आर्थिक स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है। पाकिस्तान में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल तेज हो गया है क्योंकि पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाला है।