बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता बनाए रखने के लिए रणनीतिक दांव खेल रही है। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में पेश किए बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण को केंद्र में रखा है। भले ही सीधे कैश ट्रांसफर जैसी योजनाओं का ऐलान नहीं हुआ, लेकिन महिला वोटर्स को साधने के लिए मोबाइल जिम, पिंक बस सेवा, पिंक टॉयलेट, महिला हॉस्टल और सरकारी नौकरियों में आरक्षण जैसी घोषणाएं की गई हैं।
महिलाओं को नीतीश सरकार की सौगात
बजट में नीतीश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं—
✔ महिला सशक्तिकरण के लिए मोबाइल जिम पटना में खोले जाएंगे।
✔ शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे, जिससे वे सुरक्षित और बेहतर माहौल में रह सकें।
✔ महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट का निर्माण किया जाएगा, जिससे उनकी स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
✔ पिंक बस सेवा की शुरुआत होगी, जिसमें ड्राइवर, कंडक्टर और यात्री सभी महिलाएं होंगी।
✔ बिहार परिवहन निगम में 33% नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जिसमें ड्राइवर, कंडक्टर और इको-मेंटेनेंस स्टाफ की भर्ती शामिल है।
✔ महिला हाट का निर्माण होगा, जिससे महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
बिहार में महिला वोटर्स की भूमिका
बिहार में महिलाओं की आबादी लगभग आधी है और चुनावों में वे निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 2020 के चुनाव में महिलाओं के अधिक मतदान के कारण ही एनडीए सरकार की वापसी संभव हो सकी थी।
बिहार के पिछले चुनावी आंकड़ों को देखें तो—
📊 2020 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.7% था, जबकि पुरुषों का 54.6%।
📊 2015 में महिलाओं का टर्नआउट 60.4% था, जबकि पुरुषों का 51.1%।
📊 2010 में भी महिलाओं का मतदान पुरुषों से अधिक था (महिला – 54.5%, पुरुष – 53%)।
यानी महिला वोटर्स बिहार की सियासत को तय करने में बड़ी भूमिका निभाती हैं।
नीतीश कुमार ने कैसे बनाया महिला वोट बैंक?
नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद से ही महिला केंद्रित योजनाओं पर खास ध्यान दिया।
🟢 10 लाख से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह बनाए, जिनकी सदस्य संख्या एक करोड़ से अधिक है।
🟢 2006 में पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी।
🟢 स्कूली लड़कियों के लिए साइकिल, मुफ्त यूनिफॉर्म और किताबें दीं, जिससे लड़कियों की शिक्षा में सुधार हुआ।
🟢 महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की, जिससे उन्होंने नीतीश कुमार को लगातार समर्थन दिया।
🟢 सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भर्ती को बढ़ाया गया।
महिला वोटर्स पर केंद्र सरकार का भी फोकस
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी महिला वोटर्स पर ध्यान केंद्रित किया है—
✔ उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया।
✔ स्वच्छ भारत अभियान के तहत लाखों शौचालयों का निर्माण हुआ।
✔ प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी गई।
✔ मुफ्त राशन और आर्थिक मदद जैसी योजनाओं ने महिला वोटर्स को बीजेपी के पक्ष में किया।
क्या 2025 में महिलाओं का समर्थन फिर दिलाएगा जीत?
नीतीश कुमार ने 2025 चुनाव से पहले महिला वोटर्स को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है, लेकिन सच्चाई यही है कि महिला वोटर्स का समर्थन बिहार की सत्ता का गणित तय करेगा। अब देखने वाली बात होगी कि क्या महिला केंद्रित योजनाएं एनडीए के लिए गेम चेंजर साबित होंगी या इस बार सियासी हवा बदलेगी?
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