डायबिटीज आजकल एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन गई है। इसे नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि अनियंत्रित ब्लड शुगर का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ सकता है। आयुर्वेद में गिलोय को एक प्रभावी औषधि माना गया है, जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करती है। आइए जानें गिलोय के रस के फायदे, इसे बनाने का तरीका, और सही सेवन विधि।
गिलोय के रस के फायदे
गिलोय को “अमृता” भी कहा जाता है, जिसका मतलब है “अमरता देने वाली जड़ी-बूटी।”
- ब्लड शुगर को संतुलित करता है: गिलोय इंसुलिन उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और रक्त में ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करता है।
- इम्यूनिटी बूस्टर: गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खासतौर पर जरूरी है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: यह सूजन कम करता है और शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है।
- पाचन सुधारता है: गिलोय का नियमित सेवन मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाता है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
गिलोय का रस बनाने का तरीका
आप घर पर ही ताजा गिलोय का रस बना सकते हैं।
सामग्री:
- गिलोय की ताजी डंडी (2-3 इंच लंबी)
- पानी (1 कप)
विधि:
- गिलोय की डंडी को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इन्हें मिक्सर में डालें और एक कप पानी मिलाकर अच्छी तरह पीस लें।
- इस मिश्रण को छानकर इसका रस निकाल लें।
गिलोय के रस का सेवन कैसे करें?
- खाली पेट सेवन करें: सुबह खाली पेट आधा कप गिलोय का रस पीना सबसे लाभदायक है।
- नीम या एलोवेरा के साथ मिलाएं: अधिक असर के लिए इसे नीम के रस या एलोवेरा के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं।
- साप्ताहिक मात्रा का ध्यान रखें: रोजाना 10-20 मिलीलीटर गिलोय का रस पर्याप्त है।
ध्यान देने योग्य बातें
- अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन न करें, क्योंकि यह पेट में जलन पैदा कर सकता है।
- अगर आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं, तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले परामर्श करना चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों के लिए गिलोय का रस एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है। इसे सही तरीके से और नियमित रूप से सेवन करने पर ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना आसान हो सकता है। प्राकृतिक उपचार के साथ अपने आहार और जीवनशैली में सुधार करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।
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