कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या की वारदात को ‘दर्दनाक’ घटना करार देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऐसे अपराधों के लिए अपराधियों को दंडित करने के वास्ते एक निवारक व्यवस्था बनाने का शुक्रवार को आह्वान किया।
‘पीटीआई’ के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विशेष लेख का जिक्र करते हुए धनखड़ ने उनकी राय दोहराई कि “बस! बहुत हो चुका।”
‘‘महिलाओं की सुरक्षा : बस! बहुत हो चुका!’’ शीर्षक वाला यह लेख आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त को हुई दर्दनाक घटना पर राष्ट्रपति की पहली प्रतिक्रिया थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, “यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटनाओं से लड़कियों और महिलाओं के मन में किस तरह का डर बैठ जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू खुद एक आदिवासी महिला हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर हकीकत देखी है। उन्होंने मीडिया नोट में सही कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में बस!अब बहुत हो चुका।”
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना दोषियों को सजा देने और उनके मन में डर पैदा करने के लिए एक मजबूत निवारक व्यवस्था बनाने की मांग करता है।
धनखड़ ने बलात्कार की घटना को नियमित घटना बताकर इसे उचित ठहराने वालों की आलोचना करते हुए कहा कि वह उनके सोचने के तरीके से चकित हैं।
उन्होंने भारत के खिलाफ ‘राष्ट्र-विरोधी’ बयानों की भी आलोचना की और इसे देश के विकास की राह में सबसे बड़ी चुनौती बताया।
धनखड़ ने छात्रों से राष्ट्र के हित को राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों से ऊपर रखने का आग्रह किया।
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