कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के चलन से रोजगार के मौके घटने की चिंता निराधार- मांडविया

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते चलन से रोजगार पर विपरीत असर पड़ने की आशंकाएं निराधार हैं।

मांडविया ने प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जब कम्प्यूटर और इंटरनेट चलन में आये थे, तो कहा जा रहा था कि बहुत से रोजगार खत्म हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से बहुत से नये रोजगार पैदा हुये हैं। तरह-तरह की संचार सुविधाएं होने और मोबाइल फोन के बढ़ते चलन के बावजूद लोगों का आवागमन कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ा है। रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर भीड़ इसका स्पष्ट प्रमाण हैं।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के सात से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने से देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। देश में आवश्यकता के अनुसार नौकरियां हैं। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर 3.2 प्रतिशत है, जिसके भविष्य में कम होने की संभावना है। रोजगार को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्याेग और सेवा क्षेत्र के आने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, अत: राज्यों को उद्योगों और सेवा क्षेत्र के बढ़ाने के प्रयास करने चाहिये।

मांडविया ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यम बढ़ रहे हैं, गांवों में रोजगार के छोटे-छोटे अवसर निरंतर उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 2017-18 में 5.3 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर 2.4 फीसदी रह गयी है।

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