मेट्रो रेल के तीन डिब्बे इंदौर पहुंचे, सितंबर में प्रायोगिक परीक्षण प्रस्तावित

मेट्रो रेल के तीन डिब्बों के इंदौर पहुंचने के बाद 7,500.80 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के सितंबर के मध्य में प्रस्तावित प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल रन) की औपचारिक कवायद बृहस्पतिवार से शुरू हो गई।मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुजरात के वडोदरा के पास स्थित सावली के एक संयंत्र से सड़क मार्ग से भेजे गए तीन डिब्बों को इंदौर के गांधी नगर में बनाए गए मेट्रो रेल डिपो से सटे ”अनलोडिंग बे” की पटरियों पर उतारा गया।

 

अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो रेल के तीनों डिब्बों को आपस में जोड़ा जाएगा और सितंबर के मध्य में प्रस्तावित प्रायोगिक परीक्षण से पहले उनकी इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल जांच की जाएगी। इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने तीनों डिब्बों को मालवाहक ट्रकों के कंटेनरों से उतारे जाने की प्रक्रिया की नारियल फोड़कर धार्मिक विधि-विधान से शुरुआत की।

 

सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया मंच ”एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर संदेश पोस्ट किया, ”बधाई इंदौर। इंदौर में मेट्रो का सपना साकार होने की दिशा में आज एक और उपलब्धि मिली है। गांधी नगर डिपो में पहले रोलिंग स्टॉक का आगमन हुआ है। इंदौर मेट्रो का ट्रायल रन सितंबर माह में प्रस्तावित है।” राज्य में नवंबर के दौरान विधानसभा चुनाव संभावित हैं।

 

इसलिए मेट्रो रेल परियोजना सियासी तौर पर भी अहम मानी जा रही है।एमपीएमआरसीएल के अधिकारियों ने बताया कि शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.9 किलोमीटर के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर तीन डिब्बों वाली मेट्रो रेल का प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल रन) किया जाना है। अधिकारियों के मुताबिक इस फासले में कुल पांच स्टेशन पड़ेंगे।उन्होंने बताया कि इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी। इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है।

 

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