डायबिटीज के मरीजों में बढ़ जाता है इन 5 बीमारियों का खतरा

मधुमेह तब होता है जब रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है.आजकल पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह शरीर में कई अन्य बीमारियों को जन्म देती है. डायबिटीज दो प्रकार की होती है, टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज. आमतौर पर टाइप-2 डायबिटीज को अधिक खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह मरीज की धमनियों और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है.अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो कुछ अन्य बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिन पर ध्यान न देने पर कभी-कभी मरीज की मौत भी हो सकती है। आइए आपको बताते हैं कौन सी हैं वो बीमारियां.

किडनी से जुड़ी बीमारियां- मधुमेह रोगी की किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है. किडनी पर प्रभाव पड़ने से हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. ऐसे मामलों में मरीजों को यूरिन टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. टेस्ट के जरिए पेशाब में प्रोटीन और खून के रिसाव का पता लगाया जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, डायबिटीज में किडनी फेल होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. किडनी डायलिसिस की आवश्यकता वाले 40 प्रतिशत लोग मधुमेह के रोगी हैं। टाइप 2 मधुमेह के केवल चार से छह प्रतिशत मरीज ही डायलिसिस तक पहुंचते हैं, जबकि 20 से 30 प्रतिशत की किडनी किसी न किसी रूप में खराब हो जाती है.

दिल के रोग- टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को दिल की बीमारियों का भी खतरा अधिक होता है. मधुमेह से पीड़ित लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में रक्तचाप, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा अधिक होता है.डायबिटीज में आपको अपने खान-पान को लेकर कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं क्योंकि इससे हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है. वसायुक्त भोजन खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जो दिल के लिए खतरनाक है. जिसके कारण हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.

दौरा पड़ सकता है- टाइप 2 मधुमेह वाले रोगी को स्ट्रोक का खतरा भी अधिक होता है. जिन लोगों को मधुमेह नहीं है उनमें मधुमेह के रोगियों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा दो से चार गुना कम होता है.

पैर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं- डायबिटीज में अक्सर पैरों की समस्या हो जाती है. इसमें पैर की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे चोट लगने पर भी मरीज को कोई असर नहीं होता है। इतना ही नहीं, खून का थक्का जमना भी धीमा होने लगता है. जिससे पैर की चोट कई दिनों के बाद ठीक होती है. इसके अलावा मधुमेह के रोगी में पैरों का संक्रमण भी हो सकता है, कभी-कभी यह इतना फैल जाता है कि रोगी के पैर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. अगर आपके पैरों में दर्द और सूजन है तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डायिबटीज बना सकता है अंधा- मधुमेह रेटिना में मौजूद छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हमारी दृष्टि प्रभावित होती है. इसे अंधेपन का सबसे आम कारण माना जाता है. कई बार इसकी शुरुआत कम उम्र में ही हो जाती है.मधुमेह के रोगियों को नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए क्योंकि मधुमेह में मोतियाबिंद की समस्या, आंखों पर तनाव और आंखों का पर्दा कमजोर होने से धुंधला दिखाई देने लगता है. कई बार डायबिटीज के कारण अंधा होने की समस्या भी हो जाती है. आंखों की जांच के समय अपने डॉक्टर को बताएं कि आप मधुमेह के शिकार हैं.

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