यूरिक एसिड बढ़ने से सूजन और दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है। ऐसे में खून में यूरिक एसिड को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। आधुनिक समय में हममें से कई लोग यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं।यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद से भी यूरिक एसिड लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।आज हम आपको एक खास काढ़े के बारे में बताएंगे जो आपके यूरिक एसिड को दूर करने में कारगर हो सकता है। इस काढ़े को तैयार करने के लिए आपको पीपल के पेड़ की छाल का उपयोग करना होगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
पीपल के पेड़ की छाल यूरिक एसिड को कैसे कम कर सकती है?
गाजियाबाद स्थित परमार्थ आश्रम के आयुर्वेदाचर्या डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि पीपल के छाल में प्रोटीन, कार्ब्स, डायट्री फाइबर, कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये पोषम तत्व आपके यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में प्रभावी हो सकता है। इसके साथ-साथ इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में प्रभावी साबित हो सकता है।
यूरिक एसिड में कैसे करें पीपल के पेड़ की छाल के काढ़े का सेवन?
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। इस काढ़ा को तैयार करने के लिए सबसे पहले आधा लीटर करीब पानी लें। इसमें 20 ग्राम करीब पीपल के पेड़ की छाल डालकर इसे करीब 10 से 20 मिनट के लिए उबाल लें। जब पानी आधे से भी कम हो जाए, तो गैस को बंद कर लें।अब इस काढ़ा को हल्का सा ठंडा होने दें और फिर खाली पेट पी जाएं। नियमित रूप से कुछ सप्ताह तक इसका सेवन करने से आपके शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है।
दिन में कब करें सेवन?
इस काढ़े का सेवन आप किसी भी वक्त कर सकते हैं। हालांकि, खाना खाने के बाद या फिर सुबह खाली पेट इसका सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा आप इस काढ़े में कुछ धनिया के बीज भी डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
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